कारागार विभाग के DG ने किया जेल निरीक्षण, कैदियों की भलाई और काउंसलिंग पर फोकस

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हरियाणा कारागार विभाग के महानिदेशक (डीजी प्रिजन्स) अलोक कुमार रॉय ने करनाल में जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और सुधार पर विशेष ध्यान दिया। डीजी रॉय ने कहा कि जेलों में कैदियों की काउंसलिंग के लिए काउंसलर उपलब्ध हैं, क्योंकि अपराध करने के बाद जेल आने वाला व्यक्ति अक्सर डिप्रेशन में रहता है।

अलोक कुमार रॉय ने निरीक्षण के दौरान मीडिया से बातचीत में बताया, “हमारे जेलों में काउंसलर हैं जो कैदियों को काउंसलिंग प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा जेल में बंद करीब 60 से 70 प्रतिशत लोग आदतन अपराधी नहीं होते। उन्होंने जोर देकर कहा कि जेल सुधार गृह हैं, जहां कैदियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए मानसिक और व्यावसायिक सहायता दी जाती है। हरियाणा की जेलों में सुधारात्मक कार्यक्रमों को मजबूत करने पर बल देते हुए डीजी रॉय ने बताया कि कई जेलों में आईटीआई और पॉलिटेक्निक कोर्स चलाए जा रहे हैं, ताकि कैदी रिहाई के बाद आत्मनिर्भर बन सकें।

इसके अलावा, शिक्षा, खेल और कौशल विकास कार्यक्रमों से कैदियों का मानसिक विकास हो रहा है। उन्होंने युवाओं को गैंगस्टर कल्चर से दूर रहने की सलाह भी दी और कहा कि अपराध का रास्ता केवल जेल या पुलिस एनकाउंटर तक ले जाता है। जेल विभाग के अनुसार, राज्य में कैदियों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए काउंसलिंग सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि डिप्रेशन और तनाव जैसी समस्याएं कैदियों में आम हैं, इसलिए पुनर्वास कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं।

डीजी रॉय ने जेलों की सुरक्षा और पारदर्शिता पर भी जोर दिया, साथ ही हार्डकोर अपराधियों पर कड़ी निगरानी की बात कही। यह निरीक्षण हरियाणा जेलों को आधुनिक और सुधारोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग का लक्ष्य है कि कैदी जेल से बाहर निकलकर समाज के उपयोगी नागरिक बनें।