चंडीगढ़। हरियाणा के 12 विधायक अपने विधायी अनुभव साझा करने के लिए अमेरिका पहुंच गए हैं। आज सोमवार को शुरू होने वाले नेशनल कांफ्रेंस आफ स्टेट लेजिस्लेचर्स के सम्मेलन में दुनिया भर के चुने हुए प्रतिनिधि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल डेमोक्रेसी, साइबर सुरक्षा, शिक्षा और सेहत सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
इस दौरान माननीयों को एक-दूसरे की विधायी कार्यप्रणाली को समझने का मौका भी मिलेगा। हरियाणा के विधायकों ने रविवार सुबह करीब तीन बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी।
बुधवार तक चलने वाले सम्मेलन में दुनियाभर के छह हजार से अधिक जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें भारत से सबसे ज्यादा 24 राज्यों के 130 विधायकों ने सम्मेलन का निमंत्रण स्वीकार किया है। 21 राजनीतिक पार्टियों से जुड़े यह विधायक अलग-अलग सत्रों में अपनी बात रखेंगे।
नेशनल कांफ्रेंस आफ स्टेट लेजिस्लेचर्स ने सम्मेलन के लिए हरियाणा विधानसभा को निमंत्रण दिया था। भाजपा, कांग्रेस और इनेलो के कुल 12 विधायकों ने अमेरिका जाने में दिलचस्पी दिखाई।
इनमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के सात विधायक अशोक अरोड़ा (थानेसर), आफताब अहमद (मेवात), भारत भूषण बत्रा (रोहतक), अकरम खान (जगाधरी), इंदूराज नरवाल (बड़ौदा), आदित्य सुरजेवाला (कैथल) और बलराम दांगी (महम) शामिल हैं।
भाजपा के सोनीपत से विधायक निखिल मदान, रेवाड़ी से अनिल यादव व पूंडरी से सतपाल जांबा, इनेलो के डबवाली से विधायक आदित्य देवीलाल और गन्नौर से निर्दलीय विधायक देवेंद्र कादियान सम्मेलन में शामिल होंगे।
सभी माननीयों को अमेरिका आने-जाने का खर्च खुद वहन करना होगा। इस सम्मेलन का मकसद विधायकों की क्षमता निर्माण और वैश्विक लोकतांत्रिक संवाद को बढ़ावा देना है।
नेशनल कांफ्रेंस आफ स्टेट लेजिस्लेचर्स एक द्विदलीय संगठन है जो अमेरिकी राज्यों के विधायकों और विधायी कर्मचारियों को सेवाएं प्रदान करता है। यह संगठन विधायी प्रक्रिया में जानकारी, अनुसंधान, तकनीकी सहायता और अवसरों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।