हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) का दर्जा पाने के लिए 12,000 से अधिक जोड़ों ने फर्जी तलाक दे डाली। इसका खुलासा हरियाणा पुलिस की जांच में हुआ है। जांच में पता चला है कि बीपीएल वर्गीकरण के लिए जरूरी वार्षिक आय सीमा को पूरा करने के लिए परिवार पहचान पत्र (PPP) के इनकम रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए फर्जी तलाक के डॉक्यूमेंट लगा दिए।
पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि इसका नेटवर्क नूंह सहित सूबे के दूसरे जिलों में भी फैला हुआ है। एक मामले में झज्जर साइबर थाना पुलिस ने नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) के जिला प्रबंधक योगेश कुमार के अलावा झज्जर में सर्विस प्रोवाइडर अमित कुमार, सिकंदर, विकास और गीता रानी और नूंह निवासी नीरज कुमार और मोहम्मद सैफ समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।