ट्रैफिक नियम तोड़ने पर 157 स्कूल बसें पकड़ी गईं, पुलिस ने किए चालान

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गुड़गांव : अगर आप भी अपने बच्चों को स्कूल बस, कैब के जरिए स्कूल भेजते हो तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। हो सकता है कि आपका बच्चा स्कूल बस में जाने के बावजूद भी सुरक्षित न हो। गुड़गांव पुलिस द्वारा चलाए गए एक छोटे से अभियान के दौरान यह खुलासा हुआ है। गुड़गांव पुलिस ने पुराने गुड़गांव की कुछ सड़कों पर सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी का कितना अमल हो रहा है यह जांचने के लिए अभियान चलाया। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 157 बसें ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाकर सड़कों पर दौड़ती मिली। जब यह स्कूल बसें ट्रैफिक नियमों का पालन ही नहीं करती तो आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हो कि आपका बच्चा कितने सुरक्षित तरीके से स्कूल जा रहा है।

दरअसल, गुड़गांव पुलिस ने सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत स्कूल बसों की जांच की। 3 नवंबर से शुरू हुआ अभियान 10 नवंबर तक चला। इस दौरान 739 बसों की जांच की गई। इस दौरान 157 स्कूल बसें ट्रैफिक नियमों के साथ-साथ सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की धज्जियां उड़ाती मिली। हालांकि पुलिस ने इन बसों के चालान तो काट दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी स्कूल और बस ड्राइवर नियमों का पालन करने में गुरेज कर रहे हैं।

एसीपी ट्रैफिक मुख्यालय सत्यपाल यादव की मानें तो चैकिंग के दौरान छात्रों को बस से उतारते और बस में चढ़ाते वक्त बस को सुरक्षित स्थान पर रोकने की बजाय बीच सड़क पर ही रोकते मिले। निर्धारित संख्या से अधिक संख्या में छात्रों को बस में बैठाया गया। बस ड्राइवर द्वारा सीट बेल्ट नहीं लगाते। इसके अलावा भी कई अन्य कमियां मिली जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की है।

उन्होंने बताया कि स्कूलों को बस ड्राइवरों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल बस ड्राइवरों को छात्रों को बस से उतारते व चढ़ाते समय बस को सुरक्षित स्थान पर खड़ा करे, सीमित संख्या में ही छात्रों को बस में बैठाए, First Aid Box में सभी चीजों को दुरुस्त हालत में रखे, फायर एक्सटिंगूयसर सिलेंडर को समय अवधि उपरांत बदलते रहे, कैमरे सही प्रकार से कार्य कर रहे या नही इसकी जांच समय समय पर जरुर करे। किसी भी स्थिति में सहायता के लिए डायल 112 और हेल्पलाइन नंबर 1095 के बारे भी जानकारी देकर जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों और पॉलिसी के नियमों का पालन करने से किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सकता है और शहर को जाम मुक्त रखने में मदद मिलती है।