फरीदाबाद: हरियाणा सरकार अब प्रदेशवासियों को 24 घंटे सस्ती और बेहतर गुणवत्ता वाली बिजली देने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है. इसी क्रम में हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने एक रोडमैप तैयार किया है, जिसका मकसद है प्रदेश को बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना. हाल ही में हुई 32वीं राज्य सलाहकार समिति की बैठक में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इस बैठक की अध्यक्षता HERC चेयरमैन नंदलाल शर्मा ने की और इसमें राज्य में बिजली सुधारों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई.
‘बिजली के लिए कोयले का पर्याप्त भंडार”: राज्य सरकार के मुताबिक वर्तमान में बिजली विभाग के पास कोयले का एक महीने से ज्यादा का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. पानीपत थर्मल और दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट में फ्लाई ऐश (राख) का उपयोग मानकों के अनुसार किया जा रहा है. वहीं हिसार स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्रोजेक्ट में 42 लाख टन फ्लाई ऐश अब तक बेकार पड़ी हुई है, जिसे अब उपयोग में लाया जाएगा. वर्ष 2024-25 में फ्लाई ऐश प्रबंधन के लिए 310 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. ये प्रयास बिजली उत्पादन की लागत को कम करने में मदद करेगा.
ट्रांसफॉर्मर और बिजली तारों का होगा आधुनिकीकरण: राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली वितरण को और बेहतर बनाने के लिए विभाग ने बड़ा प्लान तैयार किया है. फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा, ताकि तकनीकी खराबियों से बचा जा सके. वहीं गांवों में पुराने ट्रांसफॉर्मर और जर्जर तारों को बदला जाएगा. इससे बिजली लोड बढ़ने पर भी फॉल्ट की संभावना नहीं रहेगी. विभाग का मानना है कि इस योजना से पूरे प्रदेश में 24 घंटे निरंतर बिजली आपूर्ति की राह आसान होगी.
बिजली नुकसान कम करने पर भी फोकस: बैठक में जानकारी दी गई कि जून 2025 तक उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम की AT&C हानियां 8.75% और दक्षिण हरियाणा की 11.13% रह गई हैं. इसे और कम करने के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. साथ ही “म्हारा गांव-जगमग गांव” योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के लगभग 60,000 गांवों में 24 घंटे बिजली पहुंचाई जा चुकी है. अब सरकार का अगला कदम 24 घंटे सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना है, जिसके लिए अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

















