चंडीगढ़: केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ऊर्जा एवं आवास दोनों ही विभागों में चल रही महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर लगातार गंभीर रहते हैं। यही वजह है कि वे समय-समय पर विभागीय बैठकों में समीक्षा करते हैं। परियोजनाओं का जायजा लेेते हैं और विभिन्न राज्यों में जाकर जनता से भी फीडबैक लेते हैं। यही नहीं वे समय-समय पर लोकसभा में भी अपने विभागों से संबंधित परियोजनाओं को लेकर तर्कपूर्ण एवं तथ्यपरक तरीके से अपनी बात भी रखते हैं। इसी क्रम में सोमवार को मनोहर लाल खट्टर ने लोकसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के संदर्भ में बेबाकी से बात रखते हुए कहा कि इस योजना के चयन और क्रियान्वयन में कई राज्यों सरकार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है और कई राज्यों ने इस योजना के क्रियान्वयन में गहरी रुचि ली है।
गौरतलब है कि शहरी क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को उसी स्थान पर मकान बनाकर दिए जाएं और इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना शुरू की गई थी। यह योजना प्रदेश सरकारों के साथ मिलकर क्रियान्वित की जाती है। मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि इस योजना के अंतर्गत 3 करोड़ मकान बनाए गए हैं और बढ़ती आबादी एवं शहरीकरण को देखते हुए तीन करोड़ मकान और भी बनाए जाने हैं।
मुंबई के धारावी जैसे इलाके में राज्य सरकार ने इस योजना का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया है। इस योजना के तहत प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के अंतर्गत झुग्गी-झोपड़ी के स्थान पर मकान बनाने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका को ठोस तरीके से सुनिश्चित करने के लिए अब राज्य सरकारों की भागीदारी को आवश्यक कर दिया गया है। मनोहर लाल ने कहा कि रोजगार के मकसद से बहुत से ग्रामीण गांवों से शहरों विशेषकर महानगरों में आते हैं। ऐसे बहुत से लोग अपना मकान शहरों में नहीं लेना चाहते हैं तो इसके लिए अब योजना में किराये के मकान का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इसी तरह से स्मार्ट सिटी योजना के तहत 100 शहरों में 7400 प्रोजैक्ट्स पूरे कर लिए गए हैं। स्मार्ट शहरों में डिजिटलाइजेशन करना, स्मार्ट रोड बनाना, स्मार्ट पार्क बनाना जैसी योजनाएं शामिल हैं।
यह है प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी भारत सरकार का एक प्रमुख मिशन है, जिसका क्रियान्वयन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इस मिशन की शुरूआत 25 जून 2015 को की गई थी। इस मिशन के तहत झुग्गी-झोपड़ी वासियों के साथ-साथ ई.डब्ल्यू.एस. और एम.आई.जी. श्रेणियों के लिए आवास की कमी को पूरा करते हुए वर्ष 2022 तक सभी पात्र शहरी परिवारों को पक्के घर उपलब्ध करवाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था और इस कड़ी में 3 करोड़ लोगों को मकान उपलब्ध करवाए गए हैं। अब प्रधानमंत्री आवास योजना-2 फिर से शुरू की गई है और अब न केवल बेघर लोगों एवं झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को मकान दिए जाएंगे, बल्कि अगर कोई किराये पर भी मकान लेने का इच्छुक है तो उसके लिए भी योजना में विस्तार किया गया है।
इस योजना के तहत सभी घरों में शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं। मिशन महिला सदस्य के नाम पर या संयुक्त नाम से घरों का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है। विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, एकल महिलाओं, ट्रांसजैंडर और समाज के कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है।
100 शहरों में 3.36 लाख परिवारों को दिए गए मकान
केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि राज्य सरकार की ओर से 100 शहरों में पहली प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5.52 लाख परिवारों को मकान बनाकर दिए जाने हैं। 4.98 लाख मकान तैयार हो गए हैं और 3.36 लाख परिवारों को मकान दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार हाऊसिंग फॉर ऑल का लक्ष्य लेकर चल रही है और उसके लिए पात्र परिवारों के लिए चार अलग-अलग वर्टिकल रखे गए हैं। पहला जहां जिसका प्लाट, वहां मकान बनाकर दिया जाएं। दूसरा किराये के मकान का प्रावधान हो और तीसरा जहां पर झुग्गी है, वहीं गरीबों को मकान बनाकर दिए जाएं।
उन्होंने बताया कि 2011 की आबादी के आधार पर सामने आया है कि 38 लाख परिवारों के करीब 1 करोड़ 82 लाख सदस्यों के पास मकान नहीं हैं और सरकार चाहती है कि हर व्यक्ति के पास उसका खुद का मकान हो। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना को 2011 की जनगणना के अनुसार सभी वैधानिक कस्बों और बाद में अधिसूचित शहरों के साथ-साथ महानगरीय शहरों और अधिसूचित योजना/विकास क्षेत्रों, औद्योगिक विकास प्राधिकरण/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण/शहरी विकास प्राधिकरण या राज्य कानून के तहत किसी ऐसे प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के तहत अधिसूचित योजना/विकास क्षेत्र के भीतर आने वाले गांवों सहित छोटे शहरों में लागू किया गया है। यह योजना देश भर के सभी महानगरों सहित 4,618 शहरों में लागू की गई है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर शहरी आवास मंत्रालय द्वारा योजना के तहत कुल 118.64 लाख घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 112.50 लाख की जमीन तैयार हो चुकी है और 90.25 लाख पूरे हो चुके हैं।