3 युवकों के पास मिला ‘खजाना’, 5 सिक्कों से खरीदी बाइक, शक होने पर खुला राज

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उत्तर प्रदेश के कौशांबी में पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध बाइक सवार से पूछताछ की तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई. चेकिंग के दौरान पकड़े गये युवक के पास कागजात नहीं थे. इस पर पुलिस ने उसके साथ सख्ती बरतते हुए पूछताछ शुरू की. युवक ने बताया कि उसने पांच सिक्के देकर सेकेंड हैंड बाइक खरीदी है. ये कोई आम सिक्के नहीं बल्कि मुगलकालीन सिक्के थे.

मामले में जिले की कोखराज कोतवाली पुलिस शनिवार की रात हाइवे पर गश्त कर रही थी. इस दौरान पुलिस को एक बाइक सवार संदिग्ध परिस्थितियों में दिखा. इस इंस्पेक्टर चंद्रभूषण मौर्य के कहने पर सिपाहियों ने रोकने का प्रयास किया तो वह भागने लगा. पुलिस ने दौड़ाकर उसे पकड़ा. पुलिस ने बाइक सवार को रोकर गाड़ी के कागजात मांगे तो वह नहीं दिखा सका. बाइक सवार की पहचान कमलेश मौर्य के रूप में हुई है. वह बरीपुर का रहने वाला है.

5 सिक्कों से खरीदी बाइक

पुलिस को शक हुआ कि बाइक चोरी की हो सकती है. इस पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ करना शुरू किया तो चौकान वाला खुलासा हुआ. कमलेश ने बताया कि यह बाइक उसने खुदाई में मिले पांच सिक्के देकर खरीदा है. कमलेश ने बताया कि उसको यह सिक्के भूल्लन उर्फ श्रीपत उर्फ चैतू को दिये थे जो दरवेशपुर का रहने वाला है. उसने कहा था कि यदि सिक्के चल जाएंगे तो और दिए जाएंगे. इसके बाद उसने पांच सिक्कों में बाइक खरीदी थी.

जांच में 245 मुगलकालीन सिक्के बरामद

पुलिस ने भुल्लन उर्फ श्रीपत को दबोचा. उसने पुलिस को बताया कि उसको यह कोशांबी में गुरौली के रहने राम मिलन ने दिया था और सिक्कों को बेचने के लिए कहा था. इसके बाद पुलिस राम मिलन को गिरफ्तार कर किया. राम मिलन की निशांदेही पर पुलिस ने मुगलकालीन 245 सिक्के बरामद किए हैं. अभी यह साफ नहीं हो सका है कि आरोपियों को यह सिक्के कहां से मिले हैं.

इसके बाद मामले की जानकारी एसडीएम सिराथू योगेश गौड़, सीओ सिराथू सत्येंद्र तिवारी को दी गई. मामले में अफसरों ने सिक्के को सील करवाकर ट्रेजरी में रखवा दिया है. वहीं जिस बाइक के साथ कमलेश पकड़ा गया वह भी चोरी की होने का अनुमान है. मामले में पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.

विशेषज्ञ करेंगे शिक्कों की जांच

मामले में पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से बरामद सिक्कों को लेकर असमंजस है. उनका कहना है कि आरोपी सिक्कों को मुगलकालीन बता रहे हैं, जबकि जानकारों का कहना है कि मुगलकाल में चांदी के सिक्के थे. हकीकत क्या है, इसकी जांच के लिए सिक्कों को जल्द ही विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा. एएसपी राजेश सिंह का यह भी मानना है कि पकड़े गए लोग ठग किस्म के हैं, अभी इनसे और भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है.