हरियाणा के पानीपत जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट 30 साल बाद दर्ज करवाई है। चौंकाने वाली बात यह है कि युवक ने न तो कभी अपने पिता का चेहरा देखा है और न ही उसके पास उनकी कोई तस्वीर मौजूद है। पिता के चले जाने के कुछ समय बाद रोहतास की मां की दूसरी जगह शादी कर दी गई। इसके बाद रोहतास का पालन-पोषण उनके ताऊ और चाचा ने किया।
जानकारी के अनुसार पानीपत के एक गांव निवासी रोहतास ने बताया कि जब वे मात्र दो साल के थे, तभी उनके पिता जिले सिंह घर से अचानक लापता हो गए थे। उस समय जिले सिंह की उम्र लगभग 35 वर्ष थी। आज उनकी अनुमानित उम्र करीब 65 साल होगी। रोहतास के अनुसार, उनके पिता संदिग्ध परिस्थितियों में घर छोड़कर चले गए थे और कभी वापस नहीं लौटे। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें माता-पिता का स्नेह नहीं मिला।
रोहतास ने कहा कि जब पिता घर से गए थे, तब घर में उनकी एक तस्वीर थी, लेकिन समय के साथ वह तस्वीर भी कहीं खो गई। अब मेरे पास उनकी कोई फोटो नहीं है। इसी वजह से पुलिस को भी रिपोर्ट दर्ज करने में मुश्किल हुई। अब रोहतास को यह प्रमाण पत्र चाहिए कि वे माता-पिता विहीन हैं, ताकि HSSC की ग्रुप-डी भर्ती परीक्षा (CET 2023) में उन्हें 5% अतिरिक्त अंक मिल सकें। आयोग द्वारा ऐसे अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं, जो अपने माता-पिता को खो चुके हों, बशर्ते वे एक अधिकृत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। रोहतास ने बताया कि उन्होंने पहले भी ग्रुप-डी की परीक्षा दी थी लेकिन सफल नहीं हो सके थे। अब वे इस प्रमाण पत्र के जरिए अगली बार परीक्षा में शामिल होंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त अंकों का लाभ मिल सके। इसी कारण उन्होंने अब जाकर अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
इसराना थाना के जांच अधिकारी हेड कॉन्स्टेबल हरीश ने बताया कि शिकायत के आधार पर फिलहाल गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया गया है। शिकायतकर्ता के पास अपने पिता से जुड़ी कोई स्पष्ट जानकारी या फोटो उपलब्ध नहीं है, जिससे जांच में कठिनाई आ रही है। फिर भी पुलिस तकनीकी आधारों और उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।