चंडीगढ़: हरियाणा में बारिश और जलभराव के अब साइड इफैक्ट आने लगे हैं। फसलों के साथ बारिश और जलभराव का असर प्रदेश की सड़कों पर भी पड़ा है। मानसूनी सीजन में प्रदेश में 4227 सड़कें 9410 किलोमीटर तक ध्वस्त हो गई हैं। इससे लोगों को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा
है। हालांकि सरकार ने इन सड़कों के निर्माण को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। सरकार की प्लानिंग के हिसाब से सड़कों के पुनर्निर्माण में करीब 4827 करोड़ रुपए का खर्च आने की उम्मीद है। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणवीर गंगवा लगातार इसको लेकर मीटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि दिसम्बर तक ये सभी सड़कें पूरी तरह से दुरुस्त कर दी जाएंगी। इसके लिए अधिकारियों को भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
किस विभाग की कितनी सड़कें टूटीं
हरियाणा में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाई जाने वाले सड़कों को हुआ है। पूरे प्रदेश में 2285 सड़कें पी. उब्ल्यू.डी. विभाग की ध्वस्त हुई हैं। किलोमीटर मैं यदि देखें तो 3854 किलोमीटर खराब सड़कों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसके बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 549 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनकी लंबाई 189 किलोमीटर है। वहीं हरियाणा मार्कीटिंग बोर्ड की 498 सड़कें जिनकी लंबाई 1360 किलोमीटर है, क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं एच. एस.आई.आई.डी.सी. की 272 सड़के हैं जो 148 किलोमीटर की है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग की 347 सड़कें टूटने का ब्यौरा है। इनकी लंबाई 370 किलोमीटर है। वहीं गांवों की सड़कों पर भी बारिश और जलभराव का असर हुआ है। यहां पंचायत एवं विकास विभाग में 276 रुड़के खराब हुई है, जिनकी लंबाई 691 किलोमीटर है। रिपोर्ट अनुसार अम्बाला में लोक निर्माण विभान को 9. एच.एस.ए.एम.बी. की 2 और शहरी निकाय विभाग की 7 सड़कें ठीक होंगी। इसी तरह से भिवानी में 32. चरखी दादरी में 5, फरीदाबाद में 20. फतेहाबाद में 22, गुरुग्राम में 22. हिसार में 35, झज्जर में 14, जींद में 21, कैथल में 18, करनाल में 37, कुरुक्षेत्र में 27, महेंद्रगढ़ में 1 महेंद्रगढ़ में 13, नूंह मैं 7. पलवल में 13, पंचकूला में 9, पानीपत में 12, रेवाड़ी में 8, रोहतक में 12, सिरसा में 11, सोनीपत में 14 और यमुनागनर में 34 सड़कों को ठीक करने का काम सेवा पखवाडा में ही किया जाएगा।