अमेरिका से डिपोर्ट हुए हरियाणा के 50 लोग, अंबाला के 6 और रादौर के 2 युवक भी शामिल

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अंबाला  : अमेरिका से हरियाणा के 50 लोगों को डिपोर्ट कर दिया गया। जिसमें अंबाला के भी 6 युवक बताये जा रहे हैं और रादौर के 2 युवक शामिल हैं। सभी युवकों को पुलिस ने सकुशल परिजनों के हवाले कर दिया है। वहीं, डिपोर्ट किए युवकों में अंबाला के गांव जगोली का एक युवक अमेरिका के जैक्सन वेल फ्लोरिडा में कुक की नौकरी करने गया था, इसके लिए उसने अपने मां-बाप के खून पसीने की कमाई के 35 लाख रुपये भी खर्च किए थे लेकिन उसे नहीं मालूम था कि एक दिन उसे अमेरिकी प्रशासन इस तरह पकड़ कर वापिस भेज देगा। हरजिंदर के सारे सपने टूट चुके हैं।

हरजिंदर ने बताया कि उसने काफी मेहनत और खेती-बाड़ी करके यह पैसे कमाए थे जो सारे के सारे खराब हो गए। हरजिंदर सिंह ने बताया कि उनके बच्चे जवान है वह काफी उम्मीद से अमेरिका गए थे, लेकिन ट्रम्प ने  केवल उन्हें ही नहीं बल्कि काफी हिन्दुस्तानियों को वापस भेज दिया, जिससे उनके सपने टूट गए। ट्रम्प द्वारा उन्हें 25 घंटे बेड़ियों में रखने की कड़ी निंदा की और कहा की बेड़ियों के कारण उनके पैर सूज गए हैं। फिलहाल हरजिंदर सिंह सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं और साथ ही सरकार को यह सन्देश भी दे रहे हैं कि अगर हिन्दुस्तान में ही बेरोजगारों के लिए पर्याप्त रोजगार मिल जाए तो कोई भी होना घर परिवार छोड़ कर 7 समुन्द्र पार क्यों जाए।

रादौर के 2 युवक किए अमेरिका से डिपोर्ट

रादौर : अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा डिपोर्ट किए गए हरियाणा के करीब 50 युवाओं में से रादौर थाना क्षेत्र के भी दो युवा शामिल हैं। ये दोनों युवा गांव अलीपुरा और अंटावा के रहने वाले बताए जा रहे हैं। दोनों युवाओं को आवश्यक औपचारिकताओं के बाद रादौर पुलिस ने उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह युवक डंकी रूट से अमेरिका गए थे।

रादौर थाना प्रभारी राजपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से डिपोर्ट किए गए युवाओं की सूची प्राप्त हुई थी। इसके बाद पुलिस टीम ने संबंधित दोनों युवाओं को अपने साथ लेकर रादौर थाने पहुंचाया, जहां पूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें उनके परिवारजनों को हैंडओवर किया गया।

थाना प्रभारी ने बताया कि विदेश जाने की चाह रखने वाले युवाओं को इस प्रकार के मामलों से सबक लेना चाहिए। उन्होंने अपील की कि जो भी युवा विदेश में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, वे केवल पंजीकृत एजेंट या वैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से ही विदेश जाएं, ताकि बाद में उन्हें डिपोर्ट जैसी समस्याओं या कानूनी कार्रवाई का सामना न करना पड़े।