पूर्व मंत्री रामबिलास सुसाइड केस में घिरे

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चंडीगढ़।

हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। याचिका में युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। यह मामला महेंद्रगढ़ के बाघोत गांव निवासी मोहित (26) से जुड़ा है। जिसने 13 दिसंबर 2024 को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन परिवार ने अंतिम संस्कार नहीं किया है। युवक का शव सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में ही रखा हुआ है।

मोहित के पिता कैलाश चंद शर्मा का कहना है कि परिवार के लोग बेटे का अंतिम संस्कार तभी करेंगे, जब पुलिस रामबिलास शर्मा, उनके बेटे और साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी। वहीं पूर्व मंत्री के मीडिया एडवाइजर राजेश यादव ने कहा कि यह पूरा मामला फेक है। कैलाश चंद ने इस मामले में हांसी के 3 लोगों को शामिल किया है, जिनसे 25 लाख रुपए लिए हैं। इसमें कैलाश को सजा भी हो चुकी है। कैलाश के लड़के पर पोक्सो एक्ट का केस दर्ज था। इस मामले में रामबिलास जी का कोई लेना देना नहीं है।

याचिका में कैलाश चंद ने कहा कि साल 1996 से 2016 तक उनके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ अच्छे संबंध थे। वह उनके साथ पैसों का लेन-देन करते थे। उन्होंने रामबिलास शर्मा की मांग पर विभिन्न अवसरों पर करीब 22 करोड़ रुपए दिए।

इस दौरान अचानक उसे फैक्ट्री में नुकसान हो गया। उसने रामबिलास शर्मा से कुछ पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी पैदा हो गई। रामबिलास की वजह से पत्नी पी चुकी जहर कैलाश चंद ने कहा कि रामबिलास शर्मा की क्रूरता के कारण उसकी पत्नी नीलम ने भी जहर निगलकर आत्महत्या की कोशिश की। मगर, समय पर इलाज मिलने के कारण उसकी जान बच गई। पिछले साल अगस्त में ठीक होने के बाद दिए गए बयान में भी उसने रामबिलास शर्मा, उसके बेटे और उनके साथियों का नाम लिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। रामबिलास शर्मा और उनके सहयोगियों ने सत्तारूढ़ पार्टी में अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके उनके परिवार को बहुत परेशान किया। उन्हें अपमानित किया और धमकाया गया। विभिन्न आपराधिक मामलों में झूठा फंसाया। उसके बेटे मोहित को पॉक्सो के झूठे केस में फंसा दिया।

उसे 3 महीने जेल में रखा। जेल के अंदर भी रामबिलास के गुर्गों ने उसकी पिटाई की। बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया। आखिर में बेटे के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। याचिका में यह भी दावा किया गया कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री से मिले थे, यहां उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था, लेकिन रामबिलास शर्मा के प्रभाव के कारण आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवार के साथ हो रहे अन्याय और दुर्व्यवहार को देखकर उसके बेटे ने छोटी उम्र में ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इसलिए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।