हरियाणा में 4 दिन लगातार बारिश

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पानीपत।

हरियाणा में बुधवार (29 जनवरी) को मौसम ने चौंका दिया। 12 दिन बाद अचानक प्रदेश के 6 जिलों में सुबह घनी धुंध छा गई। इसे विजिबिलिटी भी गिरकर 20 मीटर तक रह गई। इन जिलों में करनाल, पानीपत, सोनीपत, कैथल, जींद और झज्जर शामिल थे।

मौसम विभाग का कहना है कि 18 जनवरी को एक पश्चिम विक्षोभ पहाड़ों की तरफ एक्टिव हुआ था, उसके बाद से ही प्रदेश से धुंध छंट गई थी। धुंध की वजह से टेंपरेचर में भी गिरावट आई है। इससे किसान खुश हैं क्योंकि बढ़ते टेंपरेचर से गेहूं और सरसों की फसल पर बुरा असर पड़ने लगा था।

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो बढ़ते टेंपरेचर से गेहूं की बालियां समय से पहले सुनहरी होने लगी थी और फसल की ग्रोथ भी कम हो गई थी। वहीं सरसों में व्हाइट रस्ट (सफेद रतुआ) व तना गलन रोग आने की संभावना हो गई थी। सफेद रतुआ होने की शुरुआत में पत्तों के नीचे सफेद बबल बनते हैं। जिसके बाद फूल वाले भाग पर फलियां बनने की बजाय वहां गांठें बनने लगती हैं। वहीं तना गलन में सरसों के तने गल जाते हैं।

वहीं मौसम विभाग का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर से 31 जनवरी से 3 फरवरी के दौरान बारिश हो सकती है। अभी भी रात का पारा सामान्य से 2.2 डिग्री तक कम है। पिछले 24 घंटे में इसमें 0.4 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। दिन के तापमान में 1.2 डिग्री की कमी आई है। हालांकि, अभी भी यह सामान्य से 2.5 डिग्री तक ज्यादा है।

जनवरी में अभी तक मौसम विभाग 4 बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने का अलर्ट जारी कर चुका है। 22 से 24 जनवरी के बीच बारिश का अनुमान जताया गया था। वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने के कारण अधिकतर जिलों में मध्यम बारिश की संभावनाएं थीं। हालांकि, फरीदाबाद और गुरुग्राम में बूंदाबांदी के अलावा कहीं बारिश देखने को नहीं मिली।

चरखी दादरी में किसानों की मुआवजे की मांग चरखी दादरी में किसानों ने ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के नुकसान की भरपाई की मांग की है। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है। वहीं उन्होंने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी सवाल उठाए।

MSP गारंटी किसान मोर्चा के जगबीर घसौला ने कहा कि दिसंबर माह में रबी सीजन की 13 हजार एकड़ में खड़ी सरसों, गेहूं,चना, जौ, सब्जी आदि फसलों में ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ था। जिसकी अभी तक भरपाई नहीं की गई है।

 धूप निकलने की वजह से तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण किसानों की टेंशन बढ़ी हुई है। तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो अगेती गेहूं की फसल समय से पहले सुनहरी जाएगी और गेहूं के उत्पादन पर 5 से 25 प्रतिशत तक असर पड़ सकता है।

राज्य में इस बार करीब 37 लाख एकड़ में गेहूं की बिजाई की गई है। इसमें से कुछ फसल की बिजाई अगेती की गई, जो गर्मी बढ़ने के साथ समय से पहले सुनहरी होने लगी है। इस समय हरियाणा में रात और दिन के तापमान में करीब 13 से 15 डिग्री तक का अंतर है। इस कारण गेहूं की बालियां सुनहरी होने लगी हैं।

बड़ी बात यह है कि इस बालियों में अभी ठीक से गेहूं का दाना नहीं पनपा। किसानों की चिंता का कारण यही है। यदि फसल पहले सुनहरी हो गई तो दाना पतला और हल्का रहेगा।