10 रुपये की RTI का कमाल, आठ साल से अटके रुपये ब्याज समेत मिले – जानिए पूरा मामला

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चंडीगढ़: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पानीपत(एचएसवीपी ) में फंसे  2.37 लाख रुपये सिर्फ दस रुपये वाली आरटीआई लगने पर 98,390/- रुपये के ब्याज़ सहित कुल 3,35,396/- रुपये  एचएसवीपी  को लौटाने पड़े।

राज्य सूचना आयुक्त डॉक्टर  कुलबीर छिक्कारा ने आज केस की सुनवाई के बाद  एस्टेट ऑफिसर को नोटिस जारी कर पूछा है कि सूचना समय पर न देने के कारण क्यों न उन पर 25,000 रुपये जुर्माना लगाया जाए ?

यह है मामला
आरटीआई एक्टिविस्ट  पी पी कपूर ने बताया कि  रमेश नगर तहसील कैम्प पानीपत निवासी  उनकी चचेरी बहन उषा वैद ने आठ  वर्ष पहले 18 जुलाई 2017 को एचएसवीपी  पानीपत में 2,37,006  रुपये जमा कराए थे । यह राशि उन्होंने कृषि भूमि अक्वायर  होने पर आउस्टी कोटे से प्लॉट लेने के लिये जमा कराई थी । लेकिन एचएसवीपी  ने न तो प्लॉट दिया और न ही ली हुई यह राशि वापिस की ।

इस बारे गत 22 मार्च 2024  को उन्होने एस्टेट ऑफिसर (एचएसवीपी) पानीपत   को लिखित आवेदन दिया और फिर पहली मई 2024  को हुडा कार्यालय में आरटीआई कर दी हुई शिकायत पर की गई कारवाई की रिपोर्ट मांग ली ।  इस आरटीआई का कोई जवाब राज्य  जन सूचना अधिकारी एवं एस्टेट ऑफिसर  ने नहीं दिया ।

प्रथम अपीलिय अधिकारी एवं एडमिनिस्ट्रेटर एचएसवीपी  रोहतक ने भी प्रथम अपील को अनसुना कर दिया गया । । इस पर  स्टेट इन्फर्मेशन कमीशन ने एस्टेट ऑफिसर को नोटिस भेज कर 5 मार्च को

सूचना आयोग में पंचकूला तलब कर लिया । इस पेशी से डरे एस्टेट ऑफिसर ने 4 मार्च को ही  98,390 रुपये के ब्याज़ सहित कुल 3,35,396 रुपये की राशि अपीलकर्ता के बैंक खाते में डाल दी ।

कपूर ने बताया कि  दोषी एस्टेट ऑफिसर को स्टेट इन्फर्मेशन कमीशन में जुर्माना तो लगेगा ही और इन्हें  लोकायुक्त कोर्ट में भी घसीटा जायेगा । ताकि इनके खिलाफ विभागीय दंडात्मक  कारवाई हो और इन अफसरों की खराब सेवा के कारण  जो ब्याज़ राशि सरकारी खजाने से गई है, वो इन दोषी अफसरों की तन्खाह में से काटी जाए ।