चंडीगढ़: ट्रैफिक नियमों का आदतन उल्लंघन करने वालों को भी अब कानूनी कार्रवाई का डर सताने लगा है। आलम यह है कि 2-3 चालान होने पर ही ऑनलाइन या कोर्ट में चालान के निपटान के लिए पहुंच रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह गत दिन चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रैट (सी.जे.एम.) कोर्ट द्वारा दो लोगों को 15 दिन की कम्यूनिटी सर्विस की सजा और रीपिट ऑफेंडर्स का लाइसैंस सस्पेंड होना है।
एक मामले में सी.जे.एम. कोर्ट ने 65 वर्षीय बुजुर्ग को कम्युनिटी सर्विस से राहत दे दी, लेकिन जुर्माना राशि 200 से बढ़ाकर 500 रुपए कर दी। इसके पीछे कारण यह रहा कि बुजुर्ग के 49 चालान थे, जिनमें से 48 ओवरस्पीड और एक जेबरा क्रॉसिंग को लेकर था। अदालत ने उम्र देखते हुए कम्युनटी सर्विस सजा से राहत दी, लेकिन जुर्माना राशि बढ़ाकर 500 रुपए प्रति चालान कर दी। इसके साथ ही लाइसैंस भी सस्पेंड कर दिया। सी.जे.एम. सचिन यादव के मुताबिक अदालत में केवल उन लोगों के ही चालान का भुगतान किया जाएगा, जिनके चालान 23 सितम्बर 2023 से पहले कटे होंगे। इस तारीख के बाद जितने भी चालान हुए हैं, उन्हें वर्चुअल कोर्ट या फिर ट्रैफिक पुलिस की वैबसाइट पर आनलाइन भुगतान करना होगा। फिजिकल मोड में वहीं चालान कोर्ट में छूट रहे हैं, जिनमें दस्तावेज जब्त हैं या नॉन-कम्पाऊंडेबल चालान हैं।
लोक अदालत में चालान भुगतने वालों की भीड़
जिला अदालत में 8 मार्च को नैशनल लोक अदालत से पहले 3 से 7 मार्च तक विशेप लोक अदालत में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिल रही है। पहले दिन 3 मार्च को लगभग 2300 ट्रैफिक चालानों का निपटारा किया गया। इसी औसत से काम हुआ तो 7 मार्च तक लगभग 12 हजार ट्रैफिक चालानों का निपटारा हो सकता है। कई ऑफेंडर ऐसे भी आ रहे हैं, जिनके काफी ज्यादा चालान हो रखे हैं 18 मार्च को नैशनल लोक अदालत में भी ट्रैफिक चालानों समेत बाकी कम्पाऊंडेबल केसों का निपटारा होगा। इससे पहले पहली मार्च को भी लोक अदालत लगी थी, जिसमें कुल 3394 ट्रैफिक चालान भुगतान के लिए आए थे।