दिल्ली: एमके फैजी 6 दिन की ED रिमांड पर, एयरपोर्ट से हुई थी गिरफ्तारी

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दिल्ली की एक कोर्ट ने मंगलवार को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी को छह दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया. एडिशनल सेशन जज चंदर जीत सिंह ने ईडी की याचिका पर फैजी को हिरासत में भेज दिया, जिसमें मामले में धन के लेन-देन और साजिश का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की मांग की गई थी.

साल 2009 में स्थापित और दिल्ली में मुख्यालय वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर पीएफआई का राजनीतिक मोर्चा होने का आरोप है. ईडी ने 10 दिन की हिरासत की मांग करते हुए अपने आवेदन में आरोप लगाया कि फैजी फरार था.

इंटरनेशनल एयर पोर्ट से किया गया गिरफ्तार

आरोपी ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि पीएफआई को गैरकानूनी घोषित किए जाने से पहले ही पैसा ट्रांसफर कर दिया गया था. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपी को कैसे पता था कि सरकार इसे गैरकानूनी घोषित करने जा रही है, ताकि लेनदेन को रोका जा सके. सूत्रों के मुताबिक, फैजी को तीन मार्च की रात को दिल्ली के इंटरनेशनल एयर पोर्ट से एंडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया.

क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया?

साल 2006 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की शुरुआत केरल से हुई. 3 मुस्लिम संगठनों का विलय होने के बाद PFI अस्तित्व में आया. इन 3 संगठनों में राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी एवं तमिलनाडु की मनिथा नीति पासारी थे. बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद दक्षिण में इस तरह के कई संगठन सामने आए, जिनमें से कुछ संगठनों को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया.

2022 में सरकार ने लगाया था प्रतिबंध

केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को इस पर बैन लगा दिया था. ईडी तब से ही पीएफआई के खिलाफ कई मामलों में जांच कर रही है. पीएफआई पर बैन से पहले इस संगठन को मीडिल ईस्ट के देशों से बड़ी तादाद में आर्थिक मदद मिलती थी. ये संगठन मुख्य रूप से मुसलमानों को एकजुट करने के लिए बनाया गया. पीएफआई का मुख्यालय पहले कोझीकोड में था लेकिन लगातार विस्तार के कारण सेंट्रल ऑफिस दिल्ली में भी खोला गया.