हरियाणा में अनुसूचित जाति (एससी) तथा पिछड़ा वर्ग (बीसी) के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। इन दोनों वर्गों के विद्यार्थी अब देश के किसी भी सरकारी कॉलेज से मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे।
इनका खर्चा हरियाणा की नायब सरकार उठाएगी। भाजपा ने अपने चुनावी ‘संकल्प-पत्र’ में यह वादा किया था। इसे पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरकार के अधिकारियों को योजना का ड्रॉफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को चंडीगढ़ में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शिक्षा क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों पर बातचती कर रहे थे। बैठक के दौरान ही सीएम ने कहा कि एससी-बीसी वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए जल्द योजना बनेगी। उन्होंने कहा कि सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू किया करेंगे। प्रदेश को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाया जाएगा और यहां एआई और आधुनिक स्किल्स का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाएगा।
बैठक में शिक्षा मंत्री महीपाल सिंह ढांडा, खेल मंत्री गौरव गौतम, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सीएम के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, उपप्रधान सचिव यश पाल, ओएसडी राज नेहरू, उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि 2025-26 के बजट में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष फोकस किया जाएगा। बजट को लेकर भी मुख्यमंत्री ने सभी कुलपतियों से सुझाव लिए।
मुख्यमंत्री ने करनाल की महाराणा प्रताप हार्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के वीसी को कहा कि आने वाला समय बागवानी फसलों का है। परंपरागत की बजाय फसल विविधीकरण को अपनाने के लिए किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है। यूनिवर्सिटी को फल व सब्जियों पर शोध करना चाहिए ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि गन्नौर में बन रही इंडिया इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट के पहले चरण का जल्द उद्घाटन होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं को खेलों में पारंगत बनाने के लिए हर जिले में स्पोर्ट्स स्कूल खोलने की दिशा में योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में भी खेलों के लिए उपयुक्त सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक-2036 के लिए हरियाणा के युवाओं को अभी से प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे प्रदेश व देश का नाम विश्व पटल पर रोशन कर सकें। इससे पहले खेल विभाग प्रदेशभर में ओलंपिक, एशियाई व कॉमन वेल्थ खेलों के लिए 1500 नर्सरी खोलने का फैसला कर चुका है।