हरियाणा के किसान अपनाएंगे नए फलों की खेती, हर जिले में खुलेगी टेस्टिंग लैब

0
SHARE

चंडीगढ़:  हरियाणा के CM नायब सैनी ने बजट 2025 पेश करते हुए किसानों और पशुपालकों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। प्रदेश के किसान अब लीची, स्ट्रॉबेरी और खजूर की खेती भी कर सकेंगे।‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान की खेती छोड़ने पर किसानों को अब 7 हजार की जगह 8 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं, पराली प्रबंधन के लिए अनुदान राशि को बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है।

हरियाणा में 11 उत्कृष्टता केंद्र पहले से काम कर रहे हैं, जबकि तीन और निर्माणाधीन हैं। वहीं सरकार अब अंबाला में लीची, यमुनानगर में स्ट्रॉबेरी और हिसार में खजूर की खेती के लिए नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और वे पारंपरिक खेती से हटकर अधिक लाभदायक फसलों की ओर रुख कर सकेंगे।

फसलों के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में बीज टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी। अभी तक यह सुविधा केवल करनाल, पंचकूला, सिरसा और रोहतक में थी। अब शेष 18 जिलों में भी बीज प्रमाणीकरण एजेंसी के तहत लैब स्थापित की जाएंगी। हरियाणा में झज्जर, रोहतक, दादरी सहित कई जिलों में लवणीय और क्षारीय भूमि की समस्या है। पिछले साल 62 हजार एकड़ भूमि का सुधार किया गया था। इस बार सरकार ने इसे बढ़ाकर 1 लाख एकड़ भूमि करने का लक्ष्य रखा है।