सरकारी रेट पर फसल बेचने वाले किसानों का भुगतान अटका, 7 दिन बाद नही मिला फसल का दाम

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चरखी दादरी: अनाज मंडी में फसल बेचने वाले किसानों का भुगतान अटका हुआ। इसके अलावा मंडी आने वाले किसान मंडी की व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं हैं और उनमें रोष बना हुआ है। किसानों का कहना है कि पीने का पानी तक उपब्ध नहीं होने के कारण वे भूखे प्यासे लाइनों में लग रहे हैं।

बता दे कि चरखी दादरी अनाज मंडी में सरसों की आवक में काफी तेजी आई है और इस सप्ताह सुचारू रूप से खरीद होने के कारण सैकड़ों की संख्या में किसान हजारों क्विंटल सरसों लेकर मंडी आए हैं। मार्केट कमेटी द्वारा मंडी आने वाले किसानों के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त हैं। लेकिन दूसरी ओर मंडी आने वाले किसान व्यवस्थाओं से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि दूसरी व्यवस्था तो दूर की बात है पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है और भूखे-प्यासे लाइनों में लगकर फसल बेच रहे हैं।

चरखी दादरी अनाज मंडी में सरसों के साथ-साथ गेहूं की आवक भी शुरू हो चुकी है। जिसके चलते काफी संख्या में किसान फसल लेकर मंडी आ रहे हैं और मंडी के बाहर व अंदर ट्रैक्टरों की लाइनें लगी हुई है। किसानों का कहना है कि गेटपास सुचारू रूप से नहीं काटे जाने के कारण उन्हें परेशानी हो रही है।

मंडी में पहुंचे किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का भुगतान 72 घंटे में करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन उन्हें मंडी में फसल बेचे एक सप्ताह का समय हो चुका है और उनकी सरसों की पेमेंट अभी तक नहीं आई है। जिसके चलते उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है।

आढ़तियों ने कहा कि किसान द्वारा मंडी में जो फसल बेची जाती है उसका उठान होने पर जे फार्म मिलता है जिसके बाद किसान के खाते में पेमेंट आती है। लेकिन उठान धीमी गति से हो रहा है और जो सरसों गोदाम पर पहुंची उसे रिजेक्ट कर वापिस मंडी भेज दिया गया जिसके चलते पेमेंट में देरी हो रही है।