हरियाणा के बिगड़ते लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए स्टेट टास्क फोर्स ने कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 481 गांवों की पहचान की है, जिनका लिंगानुपात 700 से कम है। इन गांवों में से अकेले अंबाला और यमुनानगर के 107 गांव शामिल हैं। इसके अलावा 6 जिलों में स्थिति सुधारने के लिए लगातार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लिंगानुपात को बढ़ाया जा सके।
पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं स्वास्थ्य मंत्री
बता दें कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में एसटीएफ का गठन किया गया था। वहीं, हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव भी इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। सरकार ने पिछले 5 सालों में सभी गांवों के लिंगानुपात को लेकर ये रिपोर्ट बनाई गई है। इन गांवों में 700 से कम लिंगानुपात वाले 481 गांवों में शिविर आयोजित किए गए हैं।
निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं और एसटीएफ के संयोजक डॉ. वीरेंद यादव का कहना है कि एमटीपी केंद्रों से प्राप्त रिपोर्टों का विश्लेषण किया जा रहा है। दो बेटियों वाली गर्भवती महिला का एमटीपी करने वाले किसी भी केंद्र पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
30 MTP केंद्रों को जारी हो चुके नोटिस
हरियाणा में एमटीपी अधिनियम का उल्लंघन करने पर उनके लाइसेंस रद्द किए जा रहे हैं। कुल 1500 एमटीपी केंद्रों में से 384 एमटीपी केंद्रों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है, जबकि 30 एमटीपी केंद्रों को नोटिस जारी किए गए हैं।