चंडीगढ़: पड़ोसी राज्य पंजाब के साथ पानी को लेकर छिड़े शीतयुद्ध और दोनों राज्यों की सरकारों के बीच चल रही जुबानी जंग को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पंजाब सरकार पर हठधर्मिता व प्रदेश की नायब सैनी सरकार की गलत नीतियों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हालात ये हैं कि हरियाणा प्यासा हो रहा है और इसका असर कृषि पर भी पड़ रहा है। सोशल मीडिया में 7 मिनट 26 सैकेंड के जारी एक वीडियो संदेश की मार्फत राज्यसभा सांसद सुरजेवाला ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच चल रही नूराकुश्ती के कारण ही हरियाणा के सामने पानी को लेकर एक बड़ा संकट खड़ा हुआ है और ये संकट भी ऐसा है जिसकी आज तक किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि ये बड़ा हास्यास्पद है कि पंजाब सरकार हरियाणा से पीया हुआ पानी वापस मांग रही है।
सुरजेवाला ने पंजाब सरकार के जल संसाधन मंत्री बरिंद्र कुमार गोयल पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस मंत्री की बुद्धि कैसी होगी? इस बात को लेकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि ये मंत्री हरियाणा सरकार के समक्ष ये शर्त रख रहा है कि पहले 4 अप्रैल को दिए गए 4 हजार क्यूसिक पानी को वापस किया जाए क्योंकि पंजाब ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी दे दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि सूबे में आलम ये है कि नहरों में पानी नहीं आने से हरियाणा के 60 फीसदी खेतों में नरमा की बिजाई नहीं हो पाई है। सिरसा जिले के अधिकांश किसानों की आय का जरिया कपास की खेती है मगर पानी के अभाव में कपास तो छोड़ अन्य फसलों की बिजाई की भी संभावना नजर नहीं आ रही है और कमोबेश प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।
पंजाब पानी न देने के बना रहा बहाने
राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 मई को हुई बी.बी.एम.बी की बैठक में हरियाणा को 10300 क्यूसेक पानी तो दे दिया गया लेकिन एक शर्त लगा दी गई जो आज तक कभी नहीं लगाई गई वो यह है कि 10300 क्यूसेक पानी हरियाणा को तब मिलेगा जब भाखड़ा मेन लाइन कैनाल के इस पानी को ले जाने के लिए सुरक्षित मानी जाएगी। सुरजेवाला ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अब इसका निर्धारण कौन करेगा? भाखड़ा मेन लाइन में पहले से ही 11200 क्यूसेक पानी ही जा पाता है, उसमें से 3000 क्यूसेक पानी अनिवार्य तौर से पंजाब रख लेता है, तो हरियाणा को मिला सिर्फ केवल 8200 क्यूसेक पानी ही।
उन्होंने कहा कि असल में जहां पंजाब सरकार पानी न देने के लिए बहाने बना रही है तो वहीं हरियाणा की भाजपा सरकार की भी नीति समझ से परे है। असल में ये दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ही मिलीभगत कर एक साजिश रचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की मान सरकार हरियाणा को पानी नहीं देने की जिद पर अड़ी हुई है और हरियाणा की सैनी सरकार किसानों की चीत्कार अनसुनी करके सत्ता सुख में मग्न है। पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद को निपटाने की ताकत रखने वाली भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड केंद्र सरकार के अधीन है और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मौजूदा समय में देश के उर्जा मंत्री हैं और वो चुटकी बजाते ही इस समस्या का समाधान कर सकते हैं, फिर भी वो खामोश हैं। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी तो ऐसे मसलों पर शुरू से खामोश रहते हैं और इन दोनों के सर्वेसर्वा प्रधानमंत्री मोदी जो पाकिस्तान का पानी बंद करने की ताकत रखते हैं वो भी इस मुद्दे पर खामोश हैं।
आखिर इन सभी की खामोशी क्यों?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यहां सवाल ये है कि आखिर मोदी, खट्टर और सैनी की खामोशी का राज क्या है? डबल इंजन सरकार इस समस्या का समाधान क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने कहा कि पंजाब की मान सरकार इस वक्त पूरे पंजाब में अलोकप्रिय हो चुकी है और विधानसभा चुनाव में उसकी हार और कांग्रेस की जीत उतनी ही निश्चित है जितनी रात के बाद सुबह के सूरज का आना होता है। सियासत के इसी मोड़ पर आता है एक मुहावरा-चोर चोरी से जाता है, हेराफेरी से नहीं। मतलब सीधे चोरी नहीं कर पाता है तो दांए-बांए से लपका मारने की कोशिश करता है और इस मुद्दे की आड़ में वही काम इस वक्त भाजपा कर रही है। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा की ये साजिश है कि मौजूदा जल विवाद में भगवंत मान को पंजाब में हीरो की तरह पेश किया जाए ताकि आने वाले चुनाव में कांग्रेस की जीत को रोका जा सके। अपनी इस सोच को परवान चढ़ाने के लिए भाजपा पर्दे के पीछे से भगवंत मान को मदद कर रही है।