चंडीगढ़ : फर्जी मरीज और बीमारी के बिल बनाने वाले निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इस क्रम में राज्य सरकार सेहत विभाग की सूची में इंपैनल्ड दर्जनभर अस्पतालों पर शिकंजा कस दिया गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। खास बात यहां पर यह है कि इनके विरुद्ध शिकायत जिला प्रशासन से होते हुए मुख्यमंत्री राज्य सरकार तक पहुंची थी। जिसके बाद में सेहत विभाग एसीएस ने इनका पक्ष सुनने के बाद में कार्रवाई करते हुए इन्हें इंपैनल्ड सूची से बाहर कर दिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में तीन माह के अंदर अंदर उपकरणों, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, सिटी
स्कैन अन्य सामान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
सूची से बाहर निजी अस्पताल
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की सूची में इंपैनल्ड अस्पतालों के विरुद्ध अनियमितता बरतने, बिना मरीज भर्ती किए फर्जी बिल बनाने सहित कईं तरह की शिकायतें थी, कुल मिलाकर सभी अस्पतालों के विरुद्ध अलग अलग तरह की शिकायतों पर सुनवाई के बाद इन्हें इंपैनल्ड सूची से बाहर कर दिया गया है। जिन पर गाज गिरी है, इनमें सिग्नस कैथल जबकि कुरुक्षेत्र सिद्धार्थ अस्पताल, महेंद्रगढ़ का विजय अस्पताल व जींद का ज्ञानीराम मेमोरियल चैरिटेबल अस्पताल पर भी कार्रवाई हुई है। बताया गया है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव मामले में सुनवाई के बाद कार्रवाई की है, उनका कहना है कि आने वाले वक्त में भी किसी भी तरह की कोई लापरवाही, फर्जी बिल अथवा बिना भर्ती के बिल तैयार करने जैसा मामला सामने आया, तो सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
तीन माह के अंदर उपकरणों की कमी होगी पूर्ण
प्रदेशभर के अंदर जिला अस्पताल से लेकर सामान्य अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपकरणों की कमी को तीन माह के अंदर पूरा करने के लिए कहा है। प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने भी इस बारे में साफ निर्देश जारी किए हैं कि अस्पतालों में जल्द से जल्द उपकरणों की कमी को दूर किया जाए। इसमें सिटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड सहित तमाम सुविधाएं तीन माह के अंदर अंदर सभी उपकरण लगाने और स्टाफ की तैनाती करने की योजना है। एसीएस सुधीर राजपाल इस पर खुद ही फोकस कर रहे हैं, जिन्होंने आला अफसरों की बैठकों में भी इस दिशा में गंभीरता से काम करने को कहा है।
दवाओं की अस्पतालों में कोई कमी नहीं
एसीएस हेल्थ का कहना है कि राज्य के अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी नहीं है, अधिकांश दवाईयां सभी अस्पतालों में उपलब्ध हैं। बाहर की दवाइयां लिखने व मंगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार राज्य के लोगों को दवा उपलब्ध कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।
हरियाणा सरकार द्वारा डॉक्टरों की कमी नहीं छोड़ी जाएगी। एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) हेल्थ सुधीर राजपाल का कहना है कि राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी नहीं रहने दी जाएगी ताकि राज्य के सभी लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।