यमुनानगर: यमुनानगर जिले के बिलासपुर में करीब 60 एकड़ से अधिक क्षेत्र में कॉलोनाइजर अवैध कॉलोनियां बना रहे हैं। प्रशासनिक नियमों की खुलेआम अनदेखी करते हुए ये कॉलोनियां तहसील बिलासपुर में जोर-शोर से रजिस्ट्री भी हो रही हैं। इस मामले में नायब तहसीलदार दलजीत कुंडू ने अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री के पीछे 7A का तर्क दिया है।
बता दें यमुनानगर जिले में अवैध कॉलोनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासन और जिला योजनाकार विभाग द्वारा खानापूर्ति जैसी कार्रवाई की जा रही है, जबकि कॉलोनाइजर नियमों को ताक पर रखकर अवैध कॉलोनियां काटने में लगे हुए हैं। बिलासपुर कस्बे में जगह-जगह अवैध कॉलोनियों के निर्माण के साथ-साथ कच्ची सड़कों का निर्माण भी जारी है। हालांकि प्रशासन ने इन अवैध कॉलोनियों को नोटिस भी दिए हैं और कार्रवाई भी की गई है, लेकिन तहसील बिलासपुर में इन कॉलोनियों की रजिस्ट्री का सिलसिला नहीं थम रहा। नायब तहसीलदार दलजीत कुंडू का कहना है कि रजिस्ट्री 7A नियम के तहत की जा रही है।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि बिलासपुर तहसील के नजदीक करीब 5 एकड़ में एक बड़ी कमर्शियल कॉलोनी का निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री फ्लाइंग स्क्वाड समेत कई विभागों ने इस पर कार्रवाई की, लेकिन कॉलोनाइजर के हौसले इतने बुलंद हैं कि न तो अवैध निर्माण रुका और न ही रजिस्ट्री पर कोई रोक लगी।
इस मामले में सवाल उठता है कि जब ये कॉलोनियां अवैध हैं तो फिर रजिस्ट्री किस आधार पर हो रही है? क्या इस पूरे मामले की जांच नहीं होनी चाहिए? अब देखना होगा कि क्या नियमों की अनदेखी करते हुए ऐसे ही रजिस्ट्री जारी रहेगी या अधिकारियों की भी जांच होगी।