हरियाणा CET का पोर्टल फिर से खोलने की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दायर.

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चंडीगढ़ : हरियाणा में ग्रुप-सी के पदों के लिए होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टैस्ट (सी.ई.टी.) पर पेंच फंसता दिख रहा है। परीक्षा के रजिस्ट्रेशन से वंचित रहे या रजिस्ट्रेशन के लिए कम समय मिलने के चलते रिजर्व कैटेगरी का फायदा न उठा पाने वाले अभ्यर्थी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। छह अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आग्रह किया है कि हरियाणा ग्रुप-सी के सी.ई.टी. रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल दोबारा चालू किया जाए। साथ ही जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कर लिया है, उन्हें ठीक करने के लिए भी समय दिया जाए। बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एच.एस.एस.सी.) ने यह परीक्षा जुलाई में करवाने की तैयारी की है। इसके लिए 13 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है। यदि हाईकोर्ट इन याचिकाओं को सुनवाई करते हुए कोई फैसला लेता है तो परीक्षा में देरी हो सकती है।

याचिका में रजिस्ट्रेशन तिथि बढ़ाने के लिए ये 3 तर्क दिए गए हैं। पहले कहा गया है कि सरल पोर्टल पर सर्टीफिकेट नहीं बन पाए। याचिकाकर्ता शीतल, निशा और नैंसी ने कहा है कि वे अन्य अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग से संबंध रखती हैं। आयोग ने नवीनतम सर्टीफिकेट अपलोड करने के लिए कहा था। इसके लिए सरल पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन यह सर्टीफिकेट समय पर नहीं बन पाया। इसलिए, उन्हें जनरल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करना पड़ा। याचिका में मांग की गई है कि उन्हें आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है, जब उनके पंजीकरण में सुधार हो। याचिका में यह भी हवाला दिया गया है कि इस बार पंजीकरण के लिए केवल 15 दिन का समय दिया गया। जबकि, 2022 में एक साल से ज्यादा समय तक पंजीकरण होता रहा था।

याचिकाकर्ता तन्नू ने कहा कि जब वह पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर रही थी, तो बार-बार वन टाइम पासवर्ड लेट आता था। इस कारण वह रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाई। याचिका में कहा गया कि ओ.टी.पी. लेट आने के कारण जो युवा पंजीकरण नहीं कर सके, वे तभी पंजीकरण कर सकते हैं, जब पोर्टल दोबारा खुले। इसलिए नए पंजीकरण के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाए। एक और याचिकाकर्ता ने नॉर्मलाइजेशन का भी हवाला दिया। इसके अनुसार, एक से ज्यादा शिफ्टों में सी.ई.टी. होगा और नॉर्मलाइजेशन किया जाएगा। सभी शिफ्टों में एक समान प्रश्न नहीं आ सकते। याचिकाकर्ता ने मांग की कि जैसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मैडीकल साइंस मामले में नैशनल बोर्ड ने एक ही शिफ्ट में पेपर करवाया है, उसी तरह सी.ई.टी. का पेपर भी एक ही शिफ्ट में किया जाए। याचिका में आग्रह किया गया है कि आयोग को इस संबंध में निर्देश दिए जाएं।