पलवल : मेघपुर स्थित 220 केवी बिजली सबस्टेशन पर मंगलवार को करंट लगने से बिजली विभाग के कर्मचारी हरकेश की दर्दनाक मौत के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। परिजन इसे महज हादसा नहीं, बल्कि साजिशन हत्या बता रहे हैं और 10 लाख रुपये मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग पर अड़े हैं। वहीं बिजली विभाग के अधिकारी किसी स्पष्ट नीति के अभाव का हवाला देकर असमर्थता जता रहे हैं। इस वजह से बुधवार को भी गतिरोध बना रहा और दोनों पक्षों में तनाव बरकरार रहा।
अस्पताल परिसर बना छावनी
घटना के बाद से पलवल के जिला अस्पताल परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो डीएसपी और चार थाना प्रभारियों की निगरानी में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। शव अभी तक परिजनों को नहीं सौंपा गया है, क्योंकि वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
कैसे हुआ हादसा
30 वर्षीय हरकेश पलवल के घुघेरा गांव का निवासी था और बिजली विभाग में असिस्टेंट लाइनमैन (ALM) के पद पर कार्यरत था। मंगलवार शाम वह मेघपुर स्थित 220 केवी पॉवर सबस्टेशन पर इंडक्शन चेंज का कार्य कर रहा था, तभी अचानक करंट की चपेट में आ गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
परिजनों का आरोप – साजिशन हत्या
हरकेश के परिजनों का आरोप है कि यह कोई साधारण हादसा नहीं, बल्कि विभागीय लापरवाही और मानसिक दबाव का नतीजा है। उनका कहना है कि कर्मचारियों से खतरनाक कार्य बिना जरूरी सुरक्षा उपकरणों के करवाए जाते हैं। उन्होंने तत्काल 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
कर्मचारी यूनियन का समर्थन, बढ़ रहा आक्रोश
घटना के बाद सैकड़ों बिजली कर्मचारी जिला अस्पताल पहुंच गए। उनका कहना है कि विभाग जरूरी सुरक्षा उपकरण जैसे सेफ्टी बेल्ट, ग्लव्स और हेलमेट तक उपलब्ध नहीं कराता। एक कर्मचारी ने कहा, “हम पूरी सावधानी बरतते हैं, लेकिन जब उपकरण ही नहीं मिलते तो जान जोखिम में डालनी पड़ती है।”
विभाग का पक्ष
बिजली विभाग के कार्यकारी अभियंता हंसराज ने कहा, “विभाग के पास फिलहाल मुआवजा या नौकरी देने की कोई स्पष्ट नीति नहीं है, लेकिन हम मामले को लेकर उच्चाधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।” वहीं यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शर्मा ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदेशभर में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल हो सकती है।
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण
अब तक परिजन शव लेने को तैयार नहीं हैं। अधिकारियों और परिजनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। वहीं पुलिस प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है।