1995 की बाढ़ ने रोहतक में मचा दी थी तबाई, अब फिर से डरे हुए हैं लोग…जानें क्या है वजह

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रोहतक : साल 1995 में रोहतक जिला व रोहतक शहर ड्रेन नंबर-8 की वजह से बाढ़ की चपेट में आ गया था और इस बार फिर से लोगों को यह डर सताने लगा है। क्योंकि मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दे रखी है और ड्रेन के हालात अच्छे नहीं है। क्योंकि ड्रेन में जलकुम्भी की भरमार है। जो पानी निकासी में रुकावट का काम कर सकती है और जिसकी वजह से पटरी टूटने का खतरा हमेशा बना रहता है।

वहीं जिला प्रशासन यह दावे कर रहा है कि जल भराव की निकासी के लिए ड्रेन नंबर 8 की सफाई करवा दी गई है। लेकिन हालात उसके विपरीत दिखाई दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि इसी ड्रेन नंबर-8 ने 1995 में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए थे और अब फिर से वही खतरा मंडराने लग गया है। क्योंकि सही तरीके से ड्रेन की सफाई नहीं की गई है।

आपको बता दें इसी ड्रेन के टूटने की वजह से रोहतक जिले में हालत खराब हो गए थे। यही नहीं रोहतक शहर में तो कई जगहों पर 10 फीट तक पानी भर गया था और सेना का भी सहारा लेना पड़ा था। हेलिकॉप्टर से लोगों को खाने पैकेट दिए जाते थे।

लोगों को है फसल खराब होने का डर

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ड्रेन नंबर 8 की सफाई नहीं हुई है जिसके कारण ड्रेन में आज भी घास व पेड़ पौधे उगे हुए हैं लेकिन उन्हें डर लग रहा है की 1995 की कहानी फिर न हो जाए उन्होंने कहा कि ड्रेन के पास ही उनके खेत है और ड्रेन में ज्यादा पानी आ गया तो ड्रेन की पटरी टूट सकती है और उनके खेत फिर से भर सकते हैं। जिसके कारण उनकी फसल खराब हो जाएगी क्योंकि मौसम विभाग ने अबकी बार ज्यादा बारिश आने की संभावनाएं जताई है।

सख्त निर्देश दिए गए हैं- डीसी

वहीं जिला उपायुक्त धर्मेन्द्र ने मानसूनी बारिश को देखते हुए अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें सख्त निर्देश दिए गए । साथ ही जिला उपायुक्त ने बताया कि बारिश के मौसम को देखते हुए नदी नाले व सीवर की पूरी तरह से सफाई की गई है। लेकिन रोहतक जिले से गुजरने वाली ड्रेन नम्बर 8 के हालात देख लगता है कि ड्रेन की सफाई कागजों में हुई है लेकिन धरातल नहीं।