महिला के साथ पुलिस बर्बरता के मामले ने पकड़ा तूल, दलित समाज ने एसपी से की सख्त कार्रवाई की मांग

SHARE

कैथल : हरियाणा के कैथल जिले के गांव सीवन में ममता नामक महिला के साथ पुलिस द्वारा कथित बर्बरता के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले को लेकर दलित सामाजिक संगठनों और सर्व कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को कैथल के लघु सचिवालय में पहुंचकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

क्या है पूरा मामला?

बीते दिनों गांव सीवन में ममता नामक महिला के साथ पुलिस द्वारा कथित तौर पर मारपीट का मामला सामने आया था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने ममता के साथ बर्बरता की, जिसके बाद उन्होंने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।  डीएसपी हैडक्वार्टर बीरभान ने बताया  कि SIT इस मामले की गहन जांच कर रही है।

लघु सचिवालय में प्रदर्शन और नारेबाजी 

दलित सामाजिक संगठनों और सर्व कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने लघु सचिवालय पहुंचकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने ममता के साथ हुई कथित बर्बरता की कड़ी निंदा करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि पीड़िता को न्याय दिलाने में पुलिस प्रशासन नाकाम रहा है। एसपी से मुलाकात, डेलिगेशन ने जताई नाराजगी नारेबाजी के बाद प्रदर्शनकारियों का एक डेलिगेशन कैथल की एसपी आस्था मोदी से मिला। मुलाकात के बाद डेलिगेशन ने मीडिया से बातचीत में अपनी नाराजगी जाहिर की। डेलिगेशन के सदस्यों ने कहा, “हम पुलिस की कार्रवाई से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं। कैथल की एसपी अपने कर्मचारियों को बचाने में लगी हैं। जब पीड़ित महिला मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों को पहचानती है, तो फिर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला क्यों दर्ज किया गया है?

“धरना-प्रदर्शन और मुख्यमंत्री निवास घेराव की चेतावनी

डेलिगेशन ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर अगले तीन-चार दिनों में पीड़िता को न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की भी बात कही। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो।

पुलिस प्रशासन का रुख

हालांकि पुलिस प्रशासन ने SIT के गठन की बात कहकर मामले की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का मानना है कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। पीड़िता और उसके परिजनों को अभी तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला है, जिसके चलते सामाजिक संगठनों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

ममता प्रकरण ने कैथल में सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है। दलित सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों की नजर अब पुलिस प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी है। अगर समय रहते इस मामले का निपटारा नहीं हुआ, तो यह आंदोलन और उग्र हो सकता है। इस मामले में पुलिस प्रशासन और सरकार की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। फिलहाल, पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग जोर पकड़ रही है।