चंडीगढ़। हरियाणा के स्कूल शिक्षा निदेशालय ने 27 मई को जारी किए गए रिवर्सन ऑर्डर पर रोक लगा दी है, जिसके तहत राज्य भर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में तैनात 330 प्राथमिक स्कूल हेडमास्टरों (ईएसएचएम) को पात्रता मानदंडों में गलत तरीके से दी गई छूट का हवाला देते हुए उनके पिछले पदों पर वापस भेज दिया गया था।
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जब तक विभाग की ओर से कोई विशेष निर्देश जारी नहीं किए जाते, तब तक वे आदेशों पर कोई कार्रवाई न करें। यह प्रभावित प्राथमिक स्कूल हेडमास्टरों के लिए बड़ी राहत की बात है, क्योंकि निदेशालय ने कहा कि मामले की अभी जांच चल रही है।
27 मई के आदेशों में कहा गया था कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी)/भाषा शिक्षकों पर समय-समय पर विचार किया गया और उन्हें ईएसएचएम के पद पर पदोन्नत किया गया।
यह बात सामने आई है कि मुख्य सचिव द्वारा 16 जुलाई 2014 को जारी निर्देशों के आधार पर पदोन्नति प्रक्रिया के दौरान कुछ एससी-बीसी उम्मीदवारों को अनजाने में उनके बीए डिग्री अंकों में 5 प्रतिशत की छूट दी गई थी। आदेश के अनुसार विभाग ने समिति के माध्यम से ऐसे एससी-बीसी उम्मीदवारों के पदोन्नति मामलों की फिर से जांच की।
प्राथमिक स्कूल हेडमास्टरों (ईएसएचएम) में कई या तो सेवानिवृत्त हो चुके थे या उनकी मृत्यु हो चुकी थी। ऐसे मामलों में संबंधित डीईईओ को लागू नियमों और निर्देशों के अनुसार तुरंत वेतन पुनर्निर्धारण करने का निर्देश दिया गया क्योंकि उन पर प्रत्यावर्तन लागू नहीं था।