चेडीगढ़: हरियाणा सरकार शराब के ठेकों की नीलामी से रिकॉर्ड स्तर पर राजस्व जुटा रही है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने आबकारी विभाग को 14,064 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया था। जिसमें से अब तक 12,615 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। अभी 113 जोन की नीलामी नहीं हो सकी है। इनकी नीलामी हो जाती है तो यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। ठेकों की नीलामी न होने के पीछे एक बड़ी वजह बदमाशों का दखल भी माना जा रहा है।
प्रदेश में कुल 1,194 आबकारी जोन बनाए गए हैं, जिनमें से 1,081 जोन की सफल नीलामी की जा चुकी है। इन जोनों में शराब बिक्री के लिए लाइसेंस दिए गए हैं। आबकारी आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि हर जोन में दो खुदरा शराब दुकानें खोलने की अनुमति है। नई आबकारी नीति के तहत तीन हफ्तों में 2,150 से ज्यादा दुकानें खोली जा चुकी हैं।
वर्तमान में सिर्फ 113 आबकारी जोन ऐसे हैं, जिनकी नीलामी बाकी है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, आगामी कुछ दिनों में इन शेष जोनों की भी नीलामी कर ली जाएगी। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विभाग पूरी तरह डिजिटल माध्यमों का सहारा ले रहा है। विभाग ने दावा किया है कि शराब दुकानों के लिए नीलामी की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है। इसके लिए राज्य सरकार ने ई-नीलामी पोर्टल विकसित किया है, जिस पर इच्छुक व्यवसायी स्वतंत्र रूप से भाग ले सकते हैं। इससे बोली की प्रक्रिया में पक्षपात और भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहती।
हालांकि लक्ष्य से कुछ पीछे रहने के बावजूद विभाग ने दावा किया है कि इस साल की नीलामी में पिछले साल की तुलना में दोगुना राजस्व अर्जित हुआ है। 3 जुलाई को संपन्न अंतिम नीलामी में 21 जोन के लिए 215 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। इसके अलावा पिछले दो सप्ताह में ही 125 जोनों की नीलामी कर सरकार को 1,370 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। अगस्त 2024 तक चली पिछली नीलामी में जहां कुल 7,025 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, वहीं इस बार अब तक उसकी लगभग दोगुनी राशि प्राप्त हो चुकी है।
विनय प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार नीलामी प्रक्रिया लंबी अवधि के लिए की गई है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत आबकारी नीति 31 मार्च 2027 तक लागू रहेगी, जिससे कारोबारियों को स्थायित्व और योजना बनाने में सहूलियत मिल रही है। इससे न केवल प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, बल्कि अधिक बोली लगाने वालों की भागीदारी भी देखने को मिली है।
शराब ठेकों की बोली में बदमाशों की दखलंदाजी से ठेकेदार बोली लगाने से पीछे हट रहे थे। कुरुक्षेत्र और जींद में एक शराब ठेकेदार की हत्या से दहशत का माहौल बना हुआ है। इसे दूर करने के लिए सीएम ने खुद ठेकेदारों को सुरक्षा व भरोसा दिलाने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। इसके बाद सभी जिलों में डीसी और एसपी ने ठेकेदारों को बुलाकर आश्वासन भी दिया था। हालांकि इसके बावजूद अभी 113 जोन की बोली नहीं लगी है। इसके पीछे ज्यादा बोली भी एक और कारण है। “,