कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र के जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के बेखौफ अधिकारी एक आर.टी. आई. एक्टिविस्ट को 80 हजार रुपए जमा करवाने के बाद भी पूरी जानकारी नहीं दे रहे। दूसरी ओर विभाग द्वारा 37 हजार से ज्यादा पेजों की सूचना देने का दावा किया जा रहा है।
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट पंकज अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने गत 30 जनवरी को कार्यकारी अभियंता जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग कुरुक्षेत्र में सरकारी नियमानुसार आर.टी.आई. लगाई थी जिसके लिए नियमानुसार सरकारी फीस का पोस्टल आर्डर भी लगाया था। विभाग ने 3 फरवरी को उन्हें 2 पत्र एक ही दिन में लिख दिए जिनके रैफरेंस नंबर अलग-अलग थे। एक पत्र में उन्होंने सूचना देने के नाम पर 85,000 रुपए मांग लिए उसी दिन दूसरे पत्र में उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि तय समय सीमा में सूचना उपलब्ध करवाएं और सूचना के लिए कितने पैसे जमा करवाने हैं वह भी बताया जाए।
सूचनाओं के जवाब को गोल-गोल घुमा दिया
पंकज अरोड़ा ने बताया कि विभाग के अधिकारी इतने बेखौफ कि 80 हजार लेने के बाद उसे विभाग विभाग के खाते में तय समय सीमा में जमा नहीं करवाया जिसकी पुष्टि बैंक ने की है और न ही उन्हें जानकारी मुहैया करवाई। उन्होंने इस सारे मामले की जानकारी उपायुक्त कुरुक्षेत्र को दी तो उन्होंने विभाग के अधिकारी सुमित गर्ग को सख्त आदेश लिखित एवं मौखिक दिए लेकिन फिर भी जानकारी नहीं दी। उन्होंने इसकी शिकायत समाधान शिविर में 2 बार दी तो मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया। अधिकारी ने आनन-फानन में आधी-अधूरी सूचना 6 जून को दी और बाकी सूचनाओं के जवाब को गोल-गोल घुमा दिया।
यक्ष प्रश्न यह है कि विभाग द्वारा 37 हजार से ज्यादा पेजों की सूचना देने का दावा किया जा रहा है तो उसकी फोटोस्टेट के पैसे किसने दिए हैं। इस सारे मामले की अगर जांच हो गई तो विभाग मुश्किल में आ सकता है।