भारत की 20 सदस्यीय टीम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 11 पदक अपने नाम किए हैं, जिनमें 3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य शामिल हैं। खास बात यह रही कि सभी तीनों स्वर्ण पदक हरियाणा की महिला बॉक्सरों ने अपने नाम किए।
हरियाणा की बेटियों ने दिलाया भारत को गौरव
भिवानी की साक्षी ढांडा ने 54 किग्रा वर्ग में अमेरिका की योसलाइन पेरेज़ को सर्वसम्मति से हराकर भारत को पहला गोल्ड दिलाया। इसके बाद जैस्मीन लंबोरिया ने 57 किग्रा वर्ग में ब्राज़ील की जुसीलेन सेक्वेरा रोमेउ को 4:1 से हराया। दिन का शानदार समापन नूपुर श्योराण ने किया, जिन्होंने 80+ किग्रा वर्ग में कज़ाकिस्तान की येलदाना तालिपोवा को 5:0 से शिकस्त दी।
साक्षी ने अपने तेज और आक्रामक पंचों से शुरुआत में ही मुकाबले पर पकड़ बना ली। जैस्मीन (23 वर्ष) ने अपनी लंबी पहुंच और सटीक काउंटर पंचों से करीबी मुकाबले में जीत दर्ज की। वहीं नूपुर ने पहले राउंड में पिछड़ने के बावजूद बेहतर फुटवर्क और आक्रमण के दम पर शानदार वापसी की और गोल्ड अपने नाम किया।
रजत पदक विजेता
भारत के 5 बॉक्सरों ने फाइनल तक पहुंचकर रजत पदक जीते:
- हितेश गुलिया (70 किग्रा पुरुष) – उन्हें ब्राजील के कायन ओलिवेरा से 0:5 से हार मिली।
- जुगनू अहलावत (85 किग्रा पुरुष) – कजाकिस्तान के बेकजाद नूरदौलेटोव से 0:5 से पराजित।
- पूजा रानी बोहरा (80 किग्रा महिला) – ऑस्ट्रेलिया की एसेटा फ्लिंट से हार।
- अभिनाश जामवाल (65 किग्रा पुरुष) – यूरी फाल्काओ से 2:3 से हार।
- मीनाक्षी (48 किग्रा महिला) – करीबी मुकाबले में कजाकिस्तान की नाजिम काइजाइबे से 2:3 से हार।
कांस्य पदक विजेता
तीन भारतीय मुक्केबाजों ने कांस्य पदक जीते:
- संजू (60 किग्रा महिला)
- निखिल दुबे (75 किग्रा पुरुष)
- नरेन्द्र (90+ किग्रा पुरुष)
भिवानी के बॉक्सरों का जलवा
‘मिनी क्यूबा’ के नाम से मशहूर भिवानी ने एक बार फिर भारतीय बॉक्सिंग में अपना वर्चस्व साबित किया है। तीनों स्वर्ण पदक विजेता—साक्षी ढांडा, जैस्मीन लंबोरिया और नूपुर श्योराण—भिवानी से ताल्लुक रखती हैं। इसके अलावा जुगनू अहलावत और पूजा रानी बोहरा ने भी रजत पदक जीतकर भिवानी का नाम रोशन किया।