कुम्हार जाति के परिवारों को दिए जाएंगे इंटाइटल प्रमाण पत्र, पंचायती भूमि से ले सकें मिट्टी, न छोड़ें माटी की कारीगरी

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 बल्लभगढ़। गांवों में कुम्हारों को पंचायत की भूमि से अब मिट्टी लेना आसान होगा। सरकार ने ऐसे लोगों को अब इंटाइटल प्रमाण पत्र देने का फैसला लिया है। यह इंटाइटल प्रमाण पत्र परिवार पहचान पत्र के आधार पर उपायुक्त के माध्यम से दिए जाएंगे और 15 दिन में मिल जाएंगे।

गांवों में कुम्हार मिट्टी के बर्तन घढ़ा, हांडी, कुल्हड़, कसोरा, तौली, दीपक, कुलहिया बनाते हैं। इन लोगों को बर्तन बनाने के लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है। यह भूमि 1964 में पंजाब के राजस्व कानून के अनुसार पंचायतों की भूमि में से मुफ्त दी गई थी। अब यह भूमि काफी गहरी हो गई है और पंचायतों ने भूूमि को वापस ले लिया है।

बर्तन बनाने का काम बंद कर दिया

मिट्टी न मिलने के कारण कई गांवों में कुम्हारों ने बर्तन बनाने का काम बंद कर दिया और अब दूसरे कामों को अपना लिया है। वहीं, कई कुम्हार ऐसे हैं जो अभी तक भी इन बर्तनों की आय पर ही निर्भर हैं।

बर्तन बेच कर परिवारों का लालन-पालन कर रहे हैं। ऐसे कुम्हार काफी समय से परेशान हैं।

ऐसे ही कुम्हारों, प्रजापति जाति से संबंध रखने वाले लोगों ने 13 जुलाई को भिवानी में प्रदेश स्तरीय प्रजापति दक्ष की जयंती मनाई थी। इस जयंती समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बुलाया था।

पांच एकड़ तक भूमि उपलब्ध कराई गई

मुख्यमंत्री ने यहां पर कुम्हार जाति के ऐसे लोगों को इंटाइल प्रमाण पत्र बांटे जिनके पास बर्तन बनाने के लिए मिट्टी व भूमि उपलब्ध नहीं है। जिन कुम्हार जाति के लोगों के पास मिट्टी उठाने के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है, ऐसे लोगों को इंटाइटल प्रमाण पत्र मिलने के बाद अब पंचायत भूमि में से पांच एकड़ तक भूमि उपलब्ध कराई गई है।

अब यह लोग इस भूमि में से मिट्टी ले सकेंगे। भिवानी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जब कुम्हार जाति के लोगों को इंटाइटल प्रमाण पत्र बांटे तो उन्होंने घोषणा कर दी है कि अब यह इंटाइटल प्रमाण पत्र पूरे प्रदेश में बांटे जाएंगे और मिट्टी उठाने के लिए पूरे प्रदेश में कुम्हार जाति के लोगों के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।

वार्षिक आय 1.80 लाख से कम

”पंचायत विभाग के महानिदेशक ने उपायुक्त को पत्र भेजा है कि वह अगले 15 दिन में कुम्हार जाति के ऐसे लोगों को इंटाइटल प्रमाण पत्र दे दें जिनके परिवार पहचान पत्र में वार्षिक आय 1.80 लाख से कम हैं। ऐसे लोगों को पंचायत की भूमि में से मिट्टी उठाने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। जिन लोगों के पास इंटाइटल प्रमाण पत्र हाेगा, वह उस भूमि से बर्तन आदि बनाने के लिए मिट्टी ले सकेंगे।”