जींद: हरियाणा के जींद में किसानों ने 15 एकड़ के करीब धान की खड़ी फसल में ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया. किसानों का आरोप है कि उन्हें घटिया किस्म का बीज दिया गया था. इसके कारण धान की ग्रोथ नहीं हुई और मजबूरी में उन्हें फसल को नष्ट करना पड़ा. पहले बीज खरीद, पौध, फिर रोपाई और स्प्रे पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपए के हिसाब से उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग को इसकी शिकायत की गई, तो विभाग के अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि बीज में कोई समस्या नहीं है. धान को ज्यादा गहराई में लगा दिया है, जिसके कारण धान की फसल में बढ़ोतरी नहीं हुई.
फसल पर चलाया ट्रैक्टर: रविवार को नरवाना क्षेत्र के सच्चा खेड़ा गांव के किसानों ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग दुकानों से एक ही कंपनी का बीज खरीदा था. उसके बाद उनके द्वारा पौध तैयार कर उसको मजदूरों से खेतों में लगवा दिया था. लेकिन समय के साथ धान की फसल की बढ़ोतरी नहीं हुई. जिससे उनको शक हुआ कि धान के बीज में कोई समस्या है और इसकी शिकायत कृषि विभाग के अधिकारियों को दी गई. लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई.
किसानों को लगा लाखों का चूना: मजबूरी में उन्हें धान की खड़ी फसल में ट्रैक्टर चलाकर इसको नष्ट करना पड़ा, ताकि दोबारा से धान की पौध लगा सकें. करीब 15 एकड़ फसल को नष्ट किया गया है. अब उनके सामने यह समस्या हो गई है कि अब पौध भी नहीं मिल रही है, ताकि कद्दू कर धान की फसल की दोबारा रोपाई कर सके.
CM विंडो लगाएंगे किसानl: किसानों ने बताया कि पहले एक हजार रुपए प्रति थैली धान का बीज खरीदा था. उसके बाद चार हजार रुपए रोपाई पर लग गए. फिर स्प्रे पर 15 हजार रुपए प्रति एकड़ खर्च आ गया. अब दोबारा फिर धान की फसल लगाने पर लगभग 15 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि उनके गांव में 200- 250 एकड़ में धान के बीज के कारण समस्या आई हुई है. लेकिन उनकी कोई सुनवाई न होने के कारण वे मंत्री कृष्ण बेदी से मिलेंगे और उनको अपनी समस्या से अवगत करवाएंगे. अगर वहां भी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे सीएम विंडो लगाएंगे.
जांच कमेटी बनाई गई: कृषि एवं कल्याण विभाग नरवाना के एसडीओ सुनील दलाल ने कहा कि कृषि अनुसंधान केंद्र कौल द्वारा एडवाइजरी जारी हुई है. बीज में समस्या है, तो उसके सैंपल लिए जाएंगे. बीज में दिक्कत होती, तो धान की पौध नहीं उगती. मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. प्रभावित खेतों की बीज विक्रेता को साथ लेकर विजिट शनिवार को की गई है. रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों से भी इस संबंध में राय ली जाएगी.