फरीदाबाद : फरीदाबाद पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है,जो जेल में बंद कैदियों को बेल दिलाने के लिए उनके परिवार के लोगों का फर्जी मेडिकल रिकार्ड तैयार करता था। SGM नगर थाना पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस फर्जीवाड़े में दो निजी अस्पताल, लैब प्रबंधन व बीके अस्पताल के अज्ञात डॉक्टर पर शामिल होने का आरोप लगा है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
जानकारी अनुसार बल्लभगढ़ के सेक्टर-2 निवासी जितेन्द्र सिंह ने 20 नवंबर 2024 में पुलिस कमिश्नर ऑफिस में शिकायत दी थी। जितेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि एनआईटी एरिया का दून अस्पताल, प्राची अस्पताल व लैब संचालक जेल में बंद कैदियों को जमानत पर रिहा कराने के लिए उनके परिजनों को गलत तरीके से अस्पताल में एडमिट कर रहे हैं। ये अस्पताल पुरानी डेट में उनके OPD कार्ड और मेडिकल फाइल तैयार करते हैं। इसके लिए हर फाइल पर एक लाख रुपए तक लिया जाता है।
डॉक्टर ने खोली अस्पताल की पोल
जितेन्द्र सिंह के अनुसार इन अस्पताल में काम करने वाले डॉ मनीष ने इस पूरे रैकेट के बारे में जानकारी दी। मनीष ने जितेन्द्र को मालिक बीडी मखीजा व दून अस्पताल के सह-मालिक डॉ. सचिन से मिलवाया और बताया कि कोर्ट से वेरिफिकेशन आने पर दोनों अस्पताल के डॉ पूरी वेरिफिकेशन करके देते हैं। इस पूरे रैकेट का भंडाफोड करने के लिए दो महिलाओं पूनम व सीमा की मदद ली गई। इन दोनों महिलाओं के बच्चे नीमका जेल में बंद हैं।
23 अक्टूबर 2024 को सीमा व पूनम का अल्ट्रासाउंड परम डायग्नोस्टिक सेंटर सेक्टर-9 से और खून व छाती का एक्सरे बीके अस्पताल से कराया गया। बाद में सीमा को दून अस्पताल और पूनम को प्राची अस्पताल में भर्ती कराया गया,अगले दिन सीमा व पूनम की बीके अस्पताल की रिपोर्ट सामान्य पाई गई। पूनम की फर्जी रिपोर्ट प्राची अस्पताल ने सनसाइन लैब से और सीमा की फर्जी रिपोर्ट दून अस्पताल ने शिवम डायग्नोस्टिक व दिल्ली डायग्नोस्टिक लैब से तैयार कराई।
रिपोर्ट तैयार होने के बाद पूनम ने अपने बेटे रोहित की डबुआ थाने की साल 2022 की एफआईआर नंबर 237 और सीमा ने अपने बेटे आकाश की सेक्टर-8 थाने की साल 2019 की एफआईआर नंबर 317 में 29 अक्टूबर 2024 को जिला अदालत में जमानत याचिका लगाकर उसे वापस लिया गया। जितेन्द्र के मुताबिक 30 अक्टूबर 2024 को उसको प्राची अस्पताल में दोनों अस्पतालों की फाइल समझाने के लिए बुलाया गया। जहां पर डॉ. बीडी मुखिजा, डॉ. मनीष, डॉ. सचिन व एक बीके अस्पताल का डॉक्टर भी मौजूद था। इसके अलावा इस अवैध गतिविधि में डॉ. नितिन, जावेद भी शामिल हैं।
क्राइम ब्रांच ने की जांच
क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 इंचार्ज जगमिंद्र ने जांच शुरू करते हुए 20 नवंबर 2024 को दिल्ली डायग्नोस्टिक लैब, प्राची अस्पताल, दून अस्पताल, शिवम डायग्नोस्टिक लैब, सनसाइन डायग्नोस्टिक लैब को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया। साथ ही दोनों महिलाओं की जांच व इलाज से संबंधित दस्तावेज व रिपोर्ट टीम ने लिए। पूनम व सीमा नामक महिला के बयान टीम ने दर्ज किए। पूनम का बेटा रोहित रेप के केस में और सीमा का बेटा आकाश हत्या के केस में नीमका जेल में बंद है।
2 अप्रैल को मेडिकल बोर्ड में रिपोर्ट दी
क्राइम ब्रांच ने अस्पताल की रिपोर्ट और दस्तावेजों के लिए CMO हेल्थ विभाग को पत्र लिखा। जिसके बाद 2 अप्रैल 2025 को अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट दी। जिसमें निजी अस्पताल व लैब की रिपोर्ट को फर्जी पाया गया। क्राइम ब्रांच के द्वारा इसमें कानूनी राय भी ली गई है। जिसके बाद एसडीएम नगर थाना में बीएनएस की धारा 229, 318(2), 318(4), 336(2), 336(3), 340(2), 61(2), 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि इसमें मामला दर्ज कर लिया गया है। इसमें 7 नामजद और एक अज्ञात डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। अभी तक इस मामले में किसी की कोई गिरफ्तारी नही है। पुलिस जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।