करनाल: हरियाणा के करनाल स्थित डेरा कार सेवा गुरुद्वारा में मंगलवार को राज्य के 9 किसान संगठनों की अहम बैठक हुई. बैठक में राज्य स्तर के मुद्दों पर एकजुट होकर आंदोलन चलाने के लिए ‘हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा’ का गठन किया गया. इस मोर्चे में शामिल सभी किसान संगठन मिलकर किसान-मजदूरों से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार के सामने मजबूत तरीके से अपनी बात करेंगे. आगामी 8 अगस्त को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर मोर्चा द्वारा मांग पत्र सौंपा जाएगा. इसके बाद होने वाली बैठक में भविष्य के आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.
इन 9 संगठनों ने मिलकर बनाया मोर्चा: बैठक में भाकियू सर छोटू राम, बीकेयू शहीद भगत सिंह, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान एकता, बीकेयू पेहवा, किसान मजदूर संगठन, किसान भवन पानीपत, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान पंचायत और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन शामिल रहे. सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि हरियाणा में किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर संघर्ष की जरूरत है.
धान सीजन में MSP की लूट: बैठक में मौजूद किसान नेता जगदीप औलख, उमेद सिंह, बहादुर मेहला, अमृत पाल सिंह सहित अन्य ने कहा कि राज्य में धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू होती है, जबकि धान की फसल सितंबर में ही तैयार हो जाती है. पिछले सीजन में भी समय पर खरीद न होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. राइस मिलर्स की हड़ताल और एमएसपी से कम रेट पर खरीद जैसे मुद्दे किसानों के लिए नुकसानदायक हैं. मोर्चा ने मांग की है कि इस बार धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू की जाए.फसल बीमा योजना में बगैर जानकारी के काटा जा रहा प्रीमियम:किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी सवाल उठाए. उनका कहना है कि लोन वाले किसानों से बिना सूचना के प्रीमियम काटा जा रहा है, जबकि किसान को यह भी नहीं पता कि उसके खेत का बीमा हुआ भी है या नहीं. यह सीधी लूट है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.
निजी डीलरों की मिलीभगत से यूरिया संकटः यूरिया की भारी किल्लत को लेकर मोर्चा ने केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. किसान नेता जगदीप औलख ने कहा कि केंद्र सरकार ने हरियाणा को इस बार 40 प्रतिशत कम कोटा दिया है. जब सप्लाई ही कम होगी तो किल्लत होना तय है. इसके अलावा प्राइवेट डीलर और सरकारी अधिकारी मिलकर खाद का स्टॉक करते हैं और बाद में ब्लैक में बेचते हैं. नकली और महंगी दवाइयां जबरन किसानों को थमा दी जाती हैं.
खाद माफिया सक्रिय, किसानों से हो रही लूट: किसान नेता जगदीप औलख ने कहा कि खाद बेचने का आज एक माफिया तैयार हो गया है. प्राइवेट डिस्ट्रीब्यूटर जानबूझकर स्टॉक कर लेते हैं और फिर किसानों को मजबूरी में महंगी, नकली दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं. अधिकारियों को मोटा कमीशन दिया जाता है और सहकारी समितियों को खाद नहीं दी जाती है. मोर्चा की मांग है कि यूरिया और डीएपी की बिक्री सिर्फ सहकारी समितियों के माध्यम से की जाए.
बिजली बिलों में 30% तक बढ़ोतरी से हर वर्ग परेशान: किसान नेताओं ने बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 30 प्रतिशत तक बिजली बिल बढ़ चुके हैं, जिससे किसान ही नहीं, आम आदमी और छोटे दुकानदार तक प्रभावित हो रहे हैं. यह जनविरोधी फैसला है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए.
मोर्चे का मकसद- सभी संगठनों को एकजुट करना और आंदोलन की दिशा तय करना: किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह मोर्चा किसी एक संगठन का नहीं, बल्कि पूरे हरियाणा के किसान संगठनों का साझा मंच है. इसका उद्देश्य है कि सभी संगठन एक मंच पर आकर जनहित से जुड़े मुद्दों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें.
8 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शनः हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने तय किया है कि 8 अगस्त को हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करके सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा. इसके बाद आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी. किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो बड़े स्तर पर जन आंदोलन छेड़ा जाएगा.