राष्ट्रपति ने स्काउट्स एवं गाइड्स को किया सम्मानित, डॉ. के. के. खंडेलवाल को मिला ‘प्लैक ऑफ ऑनर’

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चंडीगढ़  : राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली के गोदावरी हॉल में आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के 16 उत्कृष्ट सदस्यों को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्काउट/गाइड/रोवर/रेंजर पुरस्कार प्रमाणपत्र प्रदान किए। ये पुरस्कार वर्ष 2018 से 2021 के लिए प्रदान किए गए, जिसमें प्रत्येक वर्ष के लिए एक स्काउट, एक गाइड, एक रोवर और एक रेंजर को उनकी अद्वितीय सेवा और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया।

यह ऐतिहासिक अवसर राष्ट्रपति पुरस्कार परंपरा के पुनरुद्धार का प्रतीक था, जिसकी शुरुआत 1961 में हुई थी और जो 2015 तक जारी रही। इस समारोह के दौरान उपरोक्त वर्षों के लिए भारत स्काउट्स एवं गाइड्स पुरस्कारों का वितरण किया गया, और शेष प्रमाण पत्र एक आगामी राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रदान किए जाएंगे।

राष्ट्रपति भवन प्रोटोकॉल के अनुसार, भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के सदस्य सुरक्षा और पहचान सत्यापन की औपचारिकताओं के बाद राष्ट्रपति भवन पहुंचे। उन्हें गोदावरी हॉल में स्थान दिया गया, जहां राष्ट्रपति के एडीसी ने उन्हें कार्यक्रम की प्रक्रिया की जानकारी दी। इसके पश्चात महानदी हॉल में माननीय राष्ट्रपति के साथ एक औपचारिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें डॉ. अनिल कुमार जैन (राष्ट्रपति, भारत स्काउट्स एवं गाइड्स), डॉ. के. के. खंडेलवाल, आईएएस (सेवानिवृत्त), मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त, और श्रीमती रूपिंदर ब्रार, अंतरराष्ट्रीय आयुक्त (गाइड्स) उपस्थित थे। इस अवसर पर श्रीमती ब्रार ने माननीय राष्ट्रपति को भारत स्काउट्स एवं गाइड्स का स्कार्फ पहनाया और मूवमेंट का संक्षिप्त परिचय दिया।

राष्ट्रपति गोदावरी हॉल पहुंचीं, जहां उनका भव्य स्वागत स्काउट्स एवं गाइड्स के सदस्यों द्वारा सलामी के साथ किया गया। इसके बाद भारत स्काउट्स एवं गाइड्स की प्रार्थना “दया कर दान भक्ति का” प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अनिल कुमार जैन के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने 16 युवा प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति का हार्दिक आभार प्रकट किया और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ता स्काउट/गाइड वचन को जीवन में अपनाते हुए दूसरों की सेवा में अग्रणी रहे हैं, और यह सिद्ध किया है कि जब दिल देश के लिए धड़कता है, तो उम्र कोई बाधा नहीं होती।

डॉ. के. के. खंडेलवाल ने राष्ट्रपति को ‘प्लैक ऑफ ऑनर’ भेंट किया और संगठन के उद्देश्यों, लक्ष्यों एवं 1909 में स्थापना से लेकर 1950 में एकीकृत संगठन बनने तक के योगदान की जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स आंदोलन ने 7 नवंबर 2024 से शताब्दी समारोह की शुरुआत की है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि यह एकमात्र ऐसा संगठन है जो अपनी प्रार्थना, नियम और वादे में समर्पण को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है। उन्होंने महात्मा गांधी के शब्दों का हवाला देते हुए कहा: “मैं प्रार्थना करता हूँ कि भारत के हर घर में स्काउट्स एवं गाइड्स जैसे प्रशिक्षित बच्चे हों।”

कार्यक्रम की मुख्य विशेषता 16 प्रतिभाशाली स्काउट्स, गाइड्स, रोवर्स और रेंजर्स को राष्ट्रपति पुरस्कार प्रमाणपत्रों का औपचारिक वितरण रहा। सभी ने सेना जैसी सधी हुई अनुशासित चाल में राष्ट्रपति को सलामी दी, गर्व से प्रमाणपत्र प्राप्त किया, पुनः सलामी दी और अपने स्थान पर लौट आए। उनकी आत्मविश्वास से भरी चाल, जिम्मेदारी का भाव, और प्रमाणपत्र ग्रहण करते समय मुस्कुराते हुए चेहरे उनके आंदोलन के प्रति गहरे समर्पण को दर्शाते थे।