मैथिडे ने कहा कि सुबह घर से बाहर निकलते ही गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। गुड़गांव एक शानदार और आधुनिक शहर बन सकता था, लेकिन यह कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया। पुराने दोस्त या तो दिल्ली की तरफ जा रहे हैं या भारत छोड़कर अपने देश वापस लौट रहे हैं। इस दुर्दशा को उन लोगों को झेलना पड़ रहा है जो यहां फंसे हुए हैं। टैक्स देने के बाद भी गुड़गांव के लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही। ऐसे में लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। प्रशासन द्वारा सफाई व्यवस्था के नाम पर पुरानी मशीनों से खानापूर्ति की जा रही है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। सड़कों पर सीवर का पानी बहता रहता है जिससे होकर लोगों को अपने कार्यालय की तरफ जाना पड़ता है।
वहीं, मैथिडे की पोस्ट पर एक समाज सेविका द्वारा पोस्ट कर कहा गया कि उन्हें इस व्यवस्था से लड़ते हुए 11 साल हो गए हैं, लेकिन न तो अधिकारियों की कार्यशैली बदली और न ही गुड़गांव की व्यवस्था बदली। ऐसे में उन्हें भी जवाब देते हुए मैथिडे ने राजनेताओं और अधिकारियों से जवाबदेही सुनिश्नित करने के लिए अपील की है।
आपको बता दें कि इससे पहले जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ संजीव कपूर ने भी गुड़गांव की बदत्तर स्थिति पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हेंडल पर जिला प्रशासन के खिलाफ गुड़गांव की चरमराई सफाई व्यवस्था को लेकर तंज कसा था। उन्होंने सड़क किनारे लगे कूड़े के ढेर की तस्वीर पोस्ट करते हुए सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट डिजनीलैंड पर भी सवालिया निशान लगाए थे। वहीं, शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर दर्जनों बार आला अधिकारियों और मंत्रियों ने नगर निगम अधिकारियों और जिला प्रशासन को सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन विश्व में अपनी पहचान बना चुके गुड़गांव की छवि को नगर निगम के अधिकारी धूमिल करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ लोगों की आंखों में गुस्सा दिखाई दे रहा है।