हरियाणा में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की होगी जांच, गलती सुधारने के लिए मिलेंगे दो महीन

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चंडीगढ़। हरियाणा में अब सभी वर्षा जल संचयन प्रणालियों (रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) की जांच कराई जाएगी। नियम पूरे नहीं करने पर पहले चार सप्ताह का नोटिस दिया जाएगा।

आठ सप्ताह में खामियां ठीक नहीं होने पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ ही अधिभोग प्रमाणपत्र रद किया जा सकता है। जल संचयन के लिए बरसाती पानी के प्रवेश बिंदुओं को इस तरह से डिजाइन करना होगा कि यह सामान्य दिनों में ढके रहें।

हरियाणा में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की होगी जांच, नियम नहीं माना तो होगी सख्त कार्रवाई

वर्षा जल संचयन प्रणालियों को लेकर हरियाणा बिल्डिंग कोड – 2017 में संशोधन की तैयारी है।नगर एवं आयोजना विभाग के निदेशक अमित खतरी ने ड्राफ्ट जारी करते हुए हित्तधारकों से 30 दिन में आपत्तियां और सुझाव मांगें हैं।

संशोधित नियमों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी (किसी भी अधिकृत व्यक्ति या संस्था सहित) वर्षा जल संचयन प्रणाली

स्थापित परिसरों का आवधिक निरीक्षण करेगा, जिसके आधार पर अधिभोग प्रमाणपत्र प्रदान किया गया था। पूर्व सूचना देकर वर्षा जल संचयन प्रणालियों की उचित कार्यक्षमता, रखरखाव और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान यदि कोई उल्लंघन पाया जाता है तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा इसे ठीक करने का नोटिस दिया जाएगा।

प्रारंभिक नोटिस जारी होने की तिथि से कुल आठ सप्ताह की अवधि के भीतर कमियों को ठीक करने में विफल रहने की स्थिति में निरीक्षण प्राधिकारी की सिफारिश पर अधिभोग प्रमाणपत्र रद किया जा सकता है।

वर्षा जल संचयन प्रणालियों के प्रभावी संचालन के लिए संपत्ति के स्वामी को स्व-प्रमाणपत्र देना होगा जिसमें यह उल्लेख हो कि जल संचयन संरचना का समुचित कार्य सुनिश्चित किया जा रहा है।

प्रथम तिमाही में अधिभोग प्रमाणपत्र जारी करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा विकसित ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। निरीक्षण प्राधिकारी की रिपोर्ट भी पारदर्शिता और सभी संबंधितों की जानकारी के लिए उक्त ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी।

हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन एवं प्रबंधन) प्राधिकरण नोडल प्राधिकरण होने के नाते जल स्तर की प्रभावी निगरानी के लिए क्लस्टर स्तर पर स्वचालित जल स्तर रिकार्डर की स्थापना पर विचार कर सकता है।