सोनीपत। खाप पंचायतों ने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खापों ने जीटी रोड के किनारे एक ढाबे में शुक्रवार को पंचायत कर युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने, समगोत्र, एक ही गांव में विवाह पर प्रतिबंध और लिव-इन रिलेशनशिप जैसी परंपराओं के विरुद्ध नाराजगी जताई है।
खापों ने सरकार को इस मुद्दों पर ठोस कदम उठाने के लिए 27 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो खाप पंचायतें 28 सितंबर को गोहाना में बैठक कर बड़ा फैसला ले सकती हैं।
बीसवां मील स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग-44 स्थित में एक ढाबे के पास शुक्रवार को खाप प्रतिनिधियों की एक अहम पंचायत हुई। पंचायत की अध्यक्षता ढाका खाप के प्रधान दिनेश ढाका ने की।
इसमें प्रदेशभर की प्रमुख खापों के प्रधान, महासचिव व प्रतिनिधि शामिल हुए। पंचायत में समाज को दिशा देने वाले कई गंभीर मुद्दों पर विचार-विमर्श सख्त रुख अपनाने जैसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।
इस मौके पर बताया गया कि इन सामाजिक विषयों को लेकर 22 जून को उचाना में भी एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया था।
उस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि इन मुद्दों पर यदि सरकार 27 सितंबर तक कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो 28 सितंबर को गोहाना में एक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा जिसमें बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
पंचायत में भाग लेने वाले प्रमुख प्रतिनिधियों में कुलदीप मलिक (प्रधान, गठवाला खाप), अशोक मलिक (महासचिव, गठवाला खाप), संजय देशवाल (प्रधान, देशवाल खाप), रामकुमार सोलंकी (360 पालम खाप), मूलचंद सहरावत (राष्ट्रीय अध्यक्ष, सहरावत खाप), सुभाष गोयल (प्रधान, महम चौबीसी), श्रीपाल (प्रधान, सतगामा बलंभ खाप), कंवर सिंह धनखड़ (प्रधान, झज्जर 360 खाप), हरदीप शर्मा (प्रधान, रोधी खाप हांसी), अनिल ढुल (ढुल खाप) समेत अन्य कई प्रमुख सामाजिक नेता शामिल रहे।
सामाजिक ताने-बाने को बचाना होगा
खापों ने स्पष्ट किया कि सामाजिक ताने-बाने को बचाने के लिए ये मुद्दे बेहद गंभीर हैं। खाप पंचायतें अब चुप बैठने वाली नहीं हैं, यदि सरकार ने समय रहते कोई संज्ञान नहीं लिया तो 28 सितंबर की महापंचायत में आगामी रणनीति तय कर व्यापक आंदोलन की रूपरेखा घोषित की जाएगी।
बैठक में समाज में फैल रही विकृतियों के विरुद्ध एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया गया और युवाओं से आह्वान किया गया कि वे नशे से दूर रहें, सामाजिक मर्यादाओं का पालन करें और अपने सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करें।