5 इंसानों को बनाया था शिकार… आखिरकार पीलीभीत में पकड़ी गई आदमखोर बाघिन, पहुंची कानपुर

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उत्तर प्रदेश का कानपुर जू में तरह-तरह के आदमखोर जानवरों का सुधार संरक्षण हो चुका है. मिर्जापुर के आतंकी शरारती कालिया बंदर को उम्र कैद की सजा भी यहीं पर हुई थी. बताया जाता है जिस समय कालिया बंदर को पकड़ गया, उस समय उसका आतंक मिर्जापुर में चरम पर था. वह कई लोगों पर हमला कर उन्हें काट चुका था. एक बार फिर कानपुर चिड़ियाघर सुर्खियों में है. क्योंकि यहां पर पीलीभीत में पांच लोगों को अपना शिकार बना चुकी बाघिन लाई गई है.

14 दिन का क्वारंटाइन

सिर्फ पानी ही पिया है. पिंजरे के पास आने जाने वाले लोगों पर गुर्राना, दहाड़ना और उन पर झपट्टा मारना उसका नेचर हो गया है. अब ऐसे में उसे 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करने का प्लान कानपुर चिड़ियाघर के डॉक्टर टीम ने बनाया है. आपको बता दें इसी बाघिन ने पीलीभीत के बाहरी गांव में मई -जून महीने में 2 लोगों को और 14 से 17 जुलाई के बीच तीन लोगों का मार डाला था. आदमखोर हो चुकी इस बाघिन को पकड़ने में पीलीभीत की वन विभाग टीम को 4 महीनों का समय लगा.

4 महीने बाद पकड़ी गई आदमखोर बाघिन

वन विभाग की टीम ने लगातार चार महीनों तक बाघिन को पकड़ने के लिए मेहनत जारी रखी. इस दौरान जगह-जगह पिंजरे लगाए गए, ड्रोन से निगरानी की गई. साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे. इसके बाद बीते दिनों टीम को बाघिन का रेस्क्यू करने में सफलता प्राप्त हुई. डॉक्टर का मानना है कि क्वारंटाइन के दौरान बाघिन के आक्रामक व्यवहार में कमी आएगी. डॉक्टर नासिर और डॉक्टर नितेश कटियार ही बाघिन के क्वारंटाइन के दौरान उसकी देखरेख करेंगे.