नारनौल। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में साफ-सफाई और बुनियादी रखरखाव को लेकर शिक्षा विभाग हरियाणा ने स्वच्छ प्रांगण योजना के अंतर्गत 3.71 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। इस राशि का वितरण राज्य के 4641 प्राथमिक विद्यालयों को 8000 रुपये प्रति स्कूल की दर से किया गया है। महेंद्रगढ़ जिले के 309 विद्यालयों को इस योजना में शामिल करते हुए 24,72,000 (चौबीस लाख बहत्तर हजार रुपये) की राशि स्वीकृत की गई है।
प्रमाणपत्र भी जमा करवाना अनिवार्य
आशा है कि इससे विद्यालयों में स्वच्छता बेहतर होने से बच्चों की उपस्थिति व पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। गंदगी या असुविधाजनक माहौल से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जिसे दूर करने के लिए यह बजट उपयोगी साबित होगा। विभाग ने एसएमसी को निर्देश दिए गए हैं कि राशि के उपयोग से पूर्व समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित करें। खर्च का विवरण आनलाइन ईमेल के माध्यम से विभाग को भेजना होगा और 31 मार्च 2026 से पहले उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) भी जमा करवाना अनिवार्य रहेगा।
जल निकासी की स्थिति होगी दुरुस्त
यह बजट स्कूल परिसरों की सफाई, शौचालय स्वच्छता, मैदान समतलीकरण, जल निकासी, ब्लीचिंग पाउडर, झाड़ू, डस्टबिन जैसी जरूरतों के लिए उपयोग में लाया जाएगा। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से यह राशि स्कूलों तक पहुंचाई जा रही है। खर्च की निगरानी स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) करेगी।
जिलों को भी मिला बजट
जिला- विद्यालयों की संख्या- स्वीकृत राशि (रुपये में)
महेंद्रगढ़- 309- 24,72,000 रुपये
रेवाड़ी- 225- 18,00,000 रुपये
नूंह (मेवात)- 411- 32,88,000 रुपये
सोनीपत- 161- 12,88,000 रुपये
पलवल- 187- 19,96,000 रुपये
कोई मानदेय नहीं, सफाई सेवाएं होंगी स्थानीय स्तर पर
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि इस बजट से किसी भी कर्मचारी को मानदेय नहीं दिया जाएगा। जहां एजुसेट चौकीदार या पार्ट टाइम वर्कर हैं, वहीं से कार्य करवाया जाएगा। अन्यथा स्कूल स्तर पर स्थानीय सेवाएं लेकर काम करवाना होगा, लेकिन कोई नियुक्ति नहीं की जा सकती।
अधिकारियों की रहेगी सख्त निगरानी
बजट वितरण के साथ जिम्मेदारी भी तय की गई है। जिला स्तर पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों को समय पर राशि पहुंचाएं और उसका उपयोग नियमानुसार करवाएं। प्रत्येक व्यय का विवरण और प्रमाणपत्र समय पर भेजना भी अनिवार्य रहेगा।