पहचान विश्वभर में, स्वास्थ्य सेवाएं कूड़े में

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गुड़गांव : मेडिकल हब के रूप में भले ही गुड़गांव ने विश्व में अपनी पहचान बना ली हो, लेकिन इस साइबर सिटी की स्वास्थ्य सेवाएं कूड़े में हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यहां शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नाथुपुर को कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया गया है। यहां लगे कूड़े के ढेर के कारण अपना इलाज कराने आए मरीज तो बीमार होकर वापस लौट रहे हैं बल्कि यहां ड्यूटी करने वाला मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ भी बीमार हो रहा है। ऐसा नहीं है कि इस बारे में नगर निगम अधिकारियों को जानकारी न हो बल्कि नगर निगम ने इस क्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए यूपीएचसी की बाउंड्री में सार्वजनिक शौचालय का भी निर्माण किया है, लेकिन इसकी देखरेख का जिम्मा लेना शायद नगर निगम भूल गया। इस यूपीएचसी को एक डंपिंग यार्ड में बदल दिया गया है।

आपको बता दें कि घनी आबादी के बीच नाथुपुर के यू ब्लॉक में इस यूपीएचसी को स्वास्थ्य विभाग ने बनाया था। ताकि इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं घर के पास ही मिल जाएं, लेकिन नगर निगम ने इस यूपीएचसी में खाली जगह को कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया। शुक्रवार को जब पंजाब केसरी की टीम इस यूपीएचसी में पहुंची तो यहां के हालात देखकर लगा कि यहां महीनों से झाड़ू तक नहीं लगी है। कूड़े के ढेर से उठती बदबू के कारण यहां खड़ा रहना रहना भी मुश्किल हो रहा था। पीएचसी के गेट के पास ही शराब की बोतलें भी पड़ी नजर आई इससे साफ नजर आता है कि अराजक तत्वों द्वारा दिन ढलते ही पीएचसी एरिया में अपनी महफिल सजा ली जाती है। हालांकि यहां पीएचसी में कोई स्टाफ मौजूद नहीं मिला और यहां ताला लगा हुआ था, लेकिन हालात देखकर यह लगा कि पूरे नाथुपुर का कूड़ा यहां डाला जा रहा हो।

वहीं, मामले में डिप्टी सीएमओ डॉ जयप्रकाश ने बताया कि मेडिकल आउटरीच कैंप होने के कारण आज यूपीएचसी में कोई नहीं था। यहां कूड़े को हटाने के लिए कई बार नगर निगम के अधिकारियों को कहा जा चुका है, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई। यहां कूड़े से उठने वाली बदबू के कारण स्टाफ का भी बैठना मुश्किल हो गया है। ऐसे में अब इस यूपीएचसी को किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है।

हैरत की बात यह है कि पिछले दिनों स्वच्छता रैंकिंग में जिस गुड़गांव नगर निगम ने 41वां रैंक हासिल किया है उससे साफ लगता है कि नगर निगम के अधिकारी केवल कागजी कार्य करने में ही विश्वास रखते हैं। यहां के हालात देखकर लगता है कि नगर निगम नाथुपुर एरिया को ही नगर निगम दायरे से बाहर मानते हैं।