कश्मीर घाटी में अनंतनाग गुड्स शेड पर पहुंची पहली फ्रेट ट्रेन, आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार

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कश्मीर घाटी में लॉजिस्टिक और आर्थिक विकास के नए युग की शुरुआत हो गई है. पंजाब के रूपनगर से रवाना हुई पहली मालगाड़ी शुक्रवार को सफलतापूर्वक अनंतनाग गुड्स शेड पहुंगी. इस ऐतिहासिक घटना के साथ ही घाटी अब सीधे राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जुड़ गई है, जिससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलने की उम्मीद है.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि इस मालगाड़ी में सीमेंट से भरे 21 बीसीएन वैगन शामिल थे. करीब 600 किलोमीटर की यात्रा इस ट्रेन ने 18 घंटे से भी कम समय में पूरी की. नवनिर्मित अनंतनाग गुड्स शेड पर इसके आगमन को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, जो घाटी में निर्माण कार्यों और विकास योजनाओं को मजबूती देगा.

उन्होंने बताया कि परिवहन किए गए सीमेंट का इस्तेमाल घाटी में सड़कों, पुलों, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और आवासीय परियोजनाओं के निर्माण में किया जाएगा. इससे न केवल निर्माण कार्यों की गति बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और कारोबारी अवसर भी बढ़ेंगे.

पहली मालगाड़ी अनंतनाग गुड्स शेड पहुची

हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि इस यात्रा के लिए लॉजिस्टिक व्यवस्था को अत्यंत सटीकता के साथ अंजाम दिया गया. 7 अगस्त 2025 को रात 11:14 बजे उत्तर रेलवे को इंडेंट भेजा गया, जिसके बाद 8 अगस्त को सुबह 9:40 बजे रेक की व्यवस्था कर दी गई. उसी दिन शाम 6:10 बजे लदान पूरा हुआ और 6:55 बजे ट्रेन पंजाब के रूपनगर स्थित गुजरात अंबुजा सीमेंट लिमिटेड (GACL) सुविधा से रवाना हुई.

उन्होंने बताया कि ट्रेन को आधुनिक इलेक्ट्रिक WAG-9 लोकोमोटिव (लोको संख्या 32177, TKD, ट्रिप 08/09) द्वारा खींचा गया, जो भारतीय रेल की तकनीकी और संचालन क्षमता को दर्शाता है. यह यात्रा न केवल समयबद्धता और दक्षता का उदाहरण है, बल्कि यह भी प्रमाण है कि राष्ट्रीय नेटवर्क अब कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी उच्च-स्तरीय माल परिवहन कर सकता है.

आर्थिक विकास के एक नए युग का सूचक

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के सीधे माल परिवहन से घाटी में आवश्यक सामग्री की आपूर्ति तेज और किफायती हो जाएगी. इससे स्थानीय बाजारों में निर्माण सामग्री की उपलब्धता बढ़ेगी और परियोजनाओं की लागत भी कम होगी.

पहली मालगाड़ी का यह आगमन केवल एक लॉजिस्टिक उपलब्धि नहीं, बल्कि प्रगति और एकीकरण का सशक्त प्रतीक है। यह घटना कश्मीर घाटी को राष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य से और अधिक निकटता से जोड़ते हुए एक अधिक समृद्ध और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.