हरियाणा में अवैध गर्भपात के मामलों में 38 निजी अस्पतालों और क्लिनिकों को नोटिस जारी किए गए हैं। एमटीपी की रिवर्स ट्रैकिंग के तहत अब तक कुल 43 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं, जबकि तीन एफआइआर प्रक्रियाधीन हैं। राहत की बात यह है कि लिंगानुपात पिछले साल अगस्त में 899 था, जो इस साल सुधरकर 905 हो गया है।
राज्य टास्क फोर्स (STF) की साप्ताहिक बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि अवैध गर्भपात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा। दोषी डॉक्टरों के लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएंगे। हरियाणा में सभी चिकित्सीय गर्भपात (एमटीपी) और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग लागू की जा रही है, खासकर उन मामलों में जहां महिलाओं के पहले से एक या अधिक बेटियां हैं।
बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम ने नरेला से आकर सोनीपत में एमटीपी किट सप्लाई करने वाले एक झोलाछाप को गिरफ्तार किया है। अब 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के 1182 मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग भी शुरू की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों के सीएमओ को पुलिस के साथ समन्वय बढ़ाने और कानूनी सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि मामले न्यायालयों में सही निष्कर्ष तक पहुंचें। छापेमारी के दौरान पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारी मिलकर कार्य कर रहे हैं। लिंग निर्धारण और अवैध गर्भपात में शामिल पूरे नेटवर्क के आरोपितों के फोन रिकॉर्ड और लोकेशन हिस्ट्री का पता लगाया जा रहा है।
सुधीर राजपाल ने गर्भवती महिलाओं की सहेलियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिनके यहां लड़कियों का गर्भपात हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को भ्रूण का लिंग जांचने और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।