अब इकट्ठे पेड़ होना नहीं माना जाएगा Forest, सरकार ने तय किया एरिया

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चंडीगढ़ : हरियाणा में पहली बार सरकार ने वन (Forest) की स्पष्ट परिभाषा तय की है। नई अधिसूचना के अनुसार अब यदि किसी भूमि पर कम से कम 5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पेड़ लगे हों और उनकी छत्र घनता 0.4 या उससे अधिक हो, तो उस क्षेत्र को वन माना जाएगा। वहीं, इससे छोटे क्षेत्र को वन की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा।

इस संबंध में अधिसूचना पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अपर मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण की ओर से जारी की गई है। अभी तक हरियाणा में वन की कोई परिभाषा निर्धारित नहीं थी। नई अधिसूचना के तहत यदि कोई क्षेत्र राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित वन से सटा हुआ है, तो उसका न्यूनतम क्षेत्रफल भी 5 हेक्टेयर होना आवश्यक होगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फैसला

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम सुप्रीम कोर्ट के गोदावर्मन केस से जुड़े आदेशों के बाद उठाया गया है। कोर्ट के निर्देश के तहत राज्य सरकार को अपने स्तर पर वनों की पहचान और परिभाषा तय करनी थी।

समितियां करेंगी पहचान

अब सरकार ऐसे क्षेत्रों की पहचान के लिए जिला और राज्य स्तर पर विशेष समितियां गठित करेगी। ये समितियां यह तय करेंगी कि किन क्षेत्रों को वन घोषित किया जा सकता है। विभाग का मानना है कि इस प्रक्रिया से वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 को लागू करना आसान होगा। वन विभाग ने संकेत दिए हैं कि जिला स्तर पर समितियों का गठन अगले माह तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद चिन्हित क्षेत्रों को वन के रूप में दर्ज कर संरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी।