फर्जी CBI अफसर बनकर फौजी को किया डिजिटल अरेस्ट, 5 लाख ठगे, बेटे को कोर्ट मार्शल करने का दिखाया डर

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यमुनानगर। थाना साढौरा क्षेत्र के गांव निवासी रिटायर फौजी को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर साइबर ठगों ने जाल में फंसा लिया। उन्हें दस दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ठग ने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया।

बेटे को कोर्ट  मार्शल करने का दिखाया डर

पहले उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनाने का डर दिखाया गया। फिर सेना में तैनात उनके बेटे का कोर्ट मार्शल होने का डर दिखाया। उनसे पांच लाख रुपये भी ठग लिए। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामले में केस दर्ज किया है।

61 वर्षीय सेवानिवृत्त फौजी ने बताया कि उनके पास 19 जुलाई को एक लड़की की वॉट्सऐप कॉल आई। लड़की ने खुद को टेलीकॉम डिपार्टमेंट से बताया और कहा कि मुंबई में आपके ऊपर मामला दर्ज हो रहा है। इसमें बात करने के लिए लड़की ने एक नंबर दिया और कहा कि यह मुंबई पुलिस के अधिकारी का है।

उस नंबर पर कॉल की तो सामने वाले व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि उनका नाम एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में है। इसकी जांच के लिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। पहले घर के एक कमरे में बंद रहने के लिए कहा गया। उन्हें हर दो घंटे में यह बताने कि हिदायत दी गई कि वह क्या कर रहे हैं। जिससे वह घबरा गए। मोबाइल भी हर समय ऑन रखा।

19 से 29 जुलाई तक ठगों के कहे अनुसार हर दो घंटे बाद कहां हूं और क्या कर रहा हूं। यह सब वाट्सएप ऑडियो-वीडियो कॉल व संदेश के जरिए बताता रहा। इस बीच ठगों ने घर, परिवार, जमीन, संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी ली। बेटे के फौज में होने का पता लगने पर ठगों ने उसके कोर्ट मार्शल होने का भी डर दिखाया।

इन सभी से बचने के नाम पर पांच लाख रुपये भी ले लिए। 22 जुलाई को बैंक जाकर उनके बताए एक बैंक खाते में आरटीजीएस कराए। जिस नंबर पर हर दो घंटे पर उनसे रिपोर्टिंग ली जा रही थी। वह नंबर 29 जुलाई को बंद हो गए। इस बारे में एक जानकार को बताया तो उसने साइबर ठगी के बारे में बताया। जिसके बाद पुलिस को शिकायत दी।

पुलिस लगातार कर रही एडवाइजरी जारी

जिला पुलिस की ओर से डिजिटल अरेस्ट को लेकर लगातार एडवाइजरी जारी की जा रही है। जिसके माध्यम से बताया जा रहा है कि कोई पुलिस या सीबीआइ अधिकारी डिजिटल अरेस्ट नहीं करते हैं। इस तरह की कोई भी काल आने पर घबराएं नहीं। पुलिस को सूचना दी। हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल कर शिकायत दर्ज कराएं। इसके बाजवूद लोग साइबर ठगों के जाल में फंस रहे हैं।