शिक्षा के साथ-साथ चरित्र, सेवा और सदाचार जरूरी… चिंतन बैठक में बोले अक्षरधाम के संत डॉ ज्ञानानंद स्वामी

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राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से कुंभलगढ़ स्थित ‘द कुंभा रेजीडेंसी’ में शिक्षा पर दो दिवसीय चिंतन बैठक “थिंक टैंक” का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के जाने माने शिक्षाविद, विशेषज्ञ और उच्च अधिकारी शामिल रहे. दिल्ली अक्षरधाम से विद्वान संत पूज्य डॉ ज्ञानानंद स्वामी इस बैठक में अतिथि वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए.

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, कौशल और रोजगार के लिए शिक्षा के योगदान और नए आयाम, आज के आधुनिक युग में तकनीक और नए विचार, इन सभी मुद्दों को केंद्र में रखते हुए कार्यक्रम को अलग-अलग सत्रों में आयोजित किया गया.

शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण और सेवा पर जोर

बैठक सभा को संबोधित करते हुए डॉ ज्ञानानंद स्वामी ने नई शिक्षा नीति में प्रस्तावित मूल्यनिष्ठ शिक्षा पर प्रमुखस्वामी महाराज और महंत स्वामी महाराज के विचारों को प्रस्तुत किया. उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ चरित्र, सेवा, स्वावलंबन और सदाचार पर विशेष बल दिया.

शिविर में पधारे हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जी से हुई मुलाकात में डॉ ज्ञानानंद स्वामी ने बीएपीएस संस्था की ओर से चल रहे IPDC (Integrated Personality Development Course) और ‘चलो आदर्श बनें’ कार्यक्रम की विशेष चर्चा की. वहीं पूज्य सर्वनिवास स्वामी ने उन्हें आशीर्वाद और प्रसाद प्रदान किया.

शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है… मदन दिलावर

इस बैठक में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जी कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है, देश के जिम्मेदार नागरिक तभी तैयार होंगे जब संस्कार, नैतिकता व मूल्यों युक्त शिक्षा विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी.

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री के साथ साथ, विश्व मोहन शर्मा (IAS), हरीश लड्डा (संयुक्त शासन सचिव, IAS), सुरेंद्र सिंह राठौड़ (MLA, कुंभलगढ़), आरआर व्यास (सचिव, गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड), डॉ करनैल सिंह (अतिरिक्त निदेशक), पवन जैमिन (संयुक्त शासन सचिव – राजस्व, IAS), कृष्ण शर्मा (संयुक्त शासन सचिव – बजट, IAS), कृष्ण कुनाल (IAS), डॉ अतुल कोठरी (राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली), सीता राम जाट (निदेशक, IAS),श्वेता फगड़िया (निदेशक RSCERT), शरद सिन्हा ( विभागाध्यक्ष NCERT), समेत कई शिक्षाविद्, अधिकारी व विषय विशेषज्ञ मौजूद रहे. राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा में मूल्य, गुणवत्ता और सुचारु रूप से इसे आगे बढ़ाने का यह प्रयास काफी प्रेरणादायी और प्रशंसनीय है.