भिवानी : गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी 19 साल की युवती मनीषा की मौत के बारे में जो सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वह मृतका के दूसरे नोट से मैच हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल सुसाइड नोट को लेकर पुलिस की ओर से भी पुष्टि की गई थी कि यह सुसाइड नोट मृतका मनीषा का था और वह उसके शव के पास 13 अगस्त को ही पुलिस को मिल गया था। उसी को लेकर हमारे प्रतिनिध ने वीरवार को गांव कुड़ल निवासी नवीन शर्मा से मृतका मनीषा का दूसरा नोट हासिल किया। जिसमें नवीन यह कह रहा है कि उसके पास मृतका का यह दूसरा नोट आया और उसने हमारे प्रतिनिधि सुखबीर मोटू के पास फारवर्ड कर दिया। उसी नोट को और जिस दिन मनीषा का एक सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था उसे हमारे प्रतिनिधि ने दिल्ली के फोरेंसिक एक्सपर्ट सैय्यद फैजल हुदा के पास भेजा।
उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल सुसाइट नोट और वीरवार को नवीन शर्मा के माध्यम से मिले दूसरे नोट का बारीकी से अध्ययन कर हमारे पास जो विश्लेषण भेजा है उसमें सोशल मीडिया पर वायरल सुसाइड नोट और वीरवार को मिले दूसरे नोट की हैंडराइटिंग को मैच बताया है। हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल सुसाइड नोट व वीरवार को मिले दूसरे नोट के असली होने को लेकर अभी पुष्टि नहीं की गई है।
नोटः- हमारा मृतका मनीषा के परिवार के किसी सदस्य की भावनाओं को आहत करने का रत्ती भर भी मकसद नहीं है। क्योंकि किसी के घर से किसी ईसान तो क्या किसी परिंदे यां जानवर की मौत होती है तो उसका दर्द वही परिवार जानता है जिसके साथ अक्सर इस तरह के हादसे होते हैं। दिल्ली के फोरेंसिक एक्सपर्ट हमारे प्रतिनिधि से 2011 से संपर्क में हैं। हमारे प्रतिनिधि ने भिवानी जिले में ही 10 जुलाई 2011 को गांव पातवान में हुए ट्रिपल मर्डर को लेकर पहली बार राय ली थी जो बाद में पूरी तरह सच साबित भी हुई। उसमें अदालत का जो फैसला आया उससे हमारा कोई संबंध नहीं है। यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि हमारे प्रतिनिधि से सैय्यद व फैजल हुदा ने इसके बदले एक पैसा नहीं लिया और यह भी दावा किया जाता है कि हमारे प्रतिनिधि का भी किसी तरह के एक पैसे के लेन-देन से कोई संबंध।
हमारे प्रतिनिधि का मकसद अपनी साफ सुथरी पत्रकारिकता का एक और जीवंत उदाहरण पेश करना था जो इस घटनाक्रम को लेकर पत्रकारिता की एक अहम जिम्मेदारी भी थी। मगर हमारे प्रतिनिध का यह पत्रकारिता का नया एंगल आपके सामने पेश किया गया है। हम इस घटना को लेकर एक बात और बताना चाहते हैं कि हो सकता है कि मृतका मनीषा रोजाना की बातें अपनी डायरी में लिखती हो। मगर हम इसको लेकर भी किसी तरह का दावा नहीं करते। इन दोनों ही नोटों के बारे में जो विश्लेषण निकलकर सामने आया वह इन फोटो के माध्यम से ही समझने का प्रयास करें।