गुड़गांव : सेक्टर-67 स्थित अंसल एसेंसिया सोसाइटी से दूसरी सोसाइटी को पानी और बिजली की लाइन के लिए रास्ता देने के मामले को अब प्रशासन ने अपने अधीन ले लिया है। जिला रजिस्ट्रार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। इस पूरे मामले की ही नहीं बल्कि वर्तमान आरडब्ल्यूए द्वारा कराए गए सभी कार्यों की जांच के लिए एक जांच अधिकारी विपिन चोपड़ा को नियुक्त किया है। 45 दिन में जांच अधिकारी अपनी रिपोर्ट को आला अधिकारियों के समक्ष पेश करेंगे जिसके बाद आगामी कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा।
आरडब्ल्यूए के खिलाफ यह जांच स्थानीय लोगों द्वारा दी गई शिकायत पर की जा रही है। लोगों का आरोप है कि वर्तमान आरडब्ल्यूए ने अवैध रूप से आइरियो बिल्डर को बिजली और पानी की लाइन डालने का एग्रीमेंट कर लिया। जबकि आरडब्ल्यूए इस एग्रीमेंट को करने में सक्षम ही नहीं है। इस एग्रीमेंट को करने से पहले स्थानीय लोगों की सहमति लेना भी आरडब्ल्यूए प्रधान ने जरूरी नहीं समझा। आरोप है कि इस एग्रीमेंट की ऐवज में आरडब्यूए प्रधान और आइरियो बिल्डर के बीच आर्थिक डील भी हुई जिसे स्थानीय लोगों से छिपाया गया। सोसाइटी के लोगों से आरडब्ल्यूए द्वारा फीस तो ली जा रही है, लेकिन सोसाइटी के हालात बद से बदतर कर दिए गए हैं।
शिकायतकर्ता जयंत ढांडा के मुताबिक, आरडब्ल्यूए प्रधान द्वारा अवैध रूप से आइरियो बिल्डर के साथ किए गए एग्रीमेंट का जब लोगों ने स्पष्टीकरण उनसे मांगा तो उन्होंने पहले एक बैठक बुलाई, लेकिन आखिरी वक्त पर इस बैठक को रद्द कर दिया गया। इस पर स्थानीय लोगों ने बैठक कर एक अध्यक्ष चुना और आरडब्ल्यूए प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए उन्हें एक सप्ताह में एग्रीमेंट रद्द करने और तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देने की मांग की थी। लोगों ने बताया कि आरडब्ल्यूए प्रधान मौखिक तौर पर तो इस एग्रीमेंट को रद्द करने की बात करने लगे, लेकिन जब उनसे इस बारे में जवाब मांगा कि आखिर उन्होंने किस आधार पर यह एग्रीमेंट किया तो वह कोई भी जवाब देने से पीछे हट गए। लोगों की मानें तो आरडब्ल्यूए की मनमानी को लेकर उन्होंने जिला उपायुक्त सहित, जिला रजिस्ट्रार, पुलिस व मुख्यमंत्री दरबार तक शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी। इस शिकायत पर ही जिला रजिस्ट्रार ने मामले की जांच के लिए जांच अधिकारी विपिन चोपड़ा को नियुक्त किया है।
आपको बता दें कि आरडब्ल्यूए और आइरियो बिल्डर के बीच हुए इस एग्रीमेंट और बिजली, पानी की लाइन डालने का मामला पिछले दिनों काफी तूल पकड़ गया था। इस मामले को पंजाब केसरी ने प्रमुखता से दिखाया था। मामले को तूल पकड़ता देखकर अधिकारी हरकत में आए। मामले में स्थानीय लोगों और सीनियर टाउन प्लानर के बीच भी बैठक हुई थी। इस दौरान भी जब मामले की जांच हुई तो पाया गया कि आरडब्ल्यूए ने जिस एग्रीमेंट को किया है वह एग्रीमेंट करने का अधिकारी आरडब्ल्यूए के पास है ही नहीं। आरडब्ल्यूए केवल कुछ मूलभूत सुविधाओं की देखरेख करने के लिए बनाई गई है। इसके साथ ही एसटीपी ने अंसल एसेंसिया सोसाइटी में आइरियो बिल्डर द्वारा कराए जा रहे बिजली-पानी की लाइन डालने के कार्य को तुरंत ही रोकने के आदेश दिए थे। इसके बाद से मामला आला अधिकारियों के पास लंबित था जिस पर अब जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अब आरडब्ल्यूए के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।