जरांगे के नेतृत्व वाला प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं… बॉम्बे हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

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मुंबई के आजाद मैदान में मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन जारी है. इस बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने आंदोलन पर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट का कहना है कि जरांगे के नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है और इसमें सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है. कोर्ट ने कहा कि आंदोलन की वजह से पूरा शहर थम गया है और दक्षिण मुंबई के महत्वपूर्ण स्थान प्रदर्शनकारियों से घिरे हुए हैं.

इसके साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि स्थिति से निपटने की क्या योजना है. कोर्ट ने कहा कि कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं. इसके साथ ही कोर्ट ने मुंबई में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने को कहा.

‘मांग नहीं मानी तो 5 करोड़ से ज्यादा लोग मुंबई आएंगे’

इधरआरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने साफ कह दिया है कि अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठों की मांग नहीं सुनी तो पांच करोड़ से ज्यादा लोग मुंबई आएंगे और आंदोलन में हिस्सा लेंगे. जरांगे ने सोमवार (आज) को अपने अनशन के चौथे दिन से पानी पीना बंद करने का संकल्प लेते हुए कहा कि वह मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण देने की अपनी मांग को लेकर गोलियां खाने को भी तैयार हैं.

जरांगे का कहना है कि जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती वो वापस नहीं जाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए. उन्होंने कहा कि हम ओबीसी श्रेणी के तहत मराठाओं को आरक्षण दिलाकर रहेंगे. उन्होंने सरकार से उपलब्ध रिकॉर्ड को आधार बनाते हुए आरक्षण के आधार पर एक सरकारी आदेश जारी करने की मांग की है.

‘मांगे न मानने तक जारी रहेगा आंदोलन’

महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को कहा कि वह मराठा समुदाय के लिए कुनबी (एक ओबीसी जाति) का दर्जा देने संबंधी हैदराबाद गजेटियर को लागू करने के लिए कानूनी राय लेगी.हालांकि, जरांगे इससे प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वह दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान स्थित धरना स्थल से नहीं हटेंगे, चाहे देवेंद्र फडणवीस सरकार प्रदर्शनकारियों पर गोलियां ही क्यों न चला दे.

OBC श्रेणी में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग

दरअसल मनोज जरांगे ओबीसी श्रेणी में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की अपनी मांग को लेकर बीते शुक्रवार से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं. जरांगे ने रविवार को कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे.उन्होंने कहा कि सरकार के पास 58 लाख मराठों और कुनबियों का रिकॉर्ड है. उन्होंने कहा कि ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों को आरक्षण दिलाकर रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए.