चीनी और पाकिस्तानों के लिए विदेश जाकर करते थे साइबर ठगी, भाई-बहन सहित चार गिरफ्तार

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गुड़गांव : कम्बोडिया व लाओस जाकर चाइना और पाकिस्तान मूल के लोगों के लिए साइबर ठगी करने वाले भाई बहन सहित चार लोगों को गुड़गांव पुलिस की अपराध शाखा ने लुधियाना से गिरफ्तार किया है। यह सभी विदेश में फर्जी कॉल सेंटर में रेड होने के बाद भारत लौट आए थे। इन चारों की पहचान लुधियाना के रहने वाले हेमंत, रितिका उर्फ रीती, प्राची उर्फ परी व सेजल के रूप में हुई है।

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि रितिका व हेमंत दोनों भाई-बहन है। इनकी (रितिका व हेमंत) एक अन्य बहन मीनाक्षी जो वर्ष-2023 में अपने एक पाकिस्तानी दोस्त के साथ कंबोडिया गई थी। मीनाक्षी अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ मिलकर कॉल सेंटर के जरिए फर्जी CBI, TRAI, ED आदि विभाग के कर्मचारी व अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी का काम करने लगे। मीनाक्षी ने जुलाई-2024 में पहले हेमंत को फिर कुछ दोनों के बाद रितिका को भी कंबोडिया बुला लिया और ये सभी डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी करने लगे।

वहीं, मामले में संलिप्त प्राची उर्फ परी आरोपी रितिका और शिवा (पुलिस द्वारा पहले गिरफ्तार किया गया आरोपी) की दोस्त है। रितिका से बात होने उपरान्त प्राची, आरोपी शिवा व शिवा के भाई मानव की पत्नी (शिवा की भाभी) सेजल भी अगस्त-2024 में कंबोडिया चले गए और ये सभी साथ मिलकर चीन व पाकिस्तान मूल के लोग द्वारा संचालित कॉल सेंटरों के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगे।

जनवरी-2025 में पुलिस द्वारा कॉल सेन्टर पर पुलिस रेड करने के कारण ये सभी भारत आ गए। मार्च-2025 में आरोपी शिवा के एक पाकिस्तान मूल के साथी (कम्बोडिया में दोस्ती हुई थी) ने बताया कि उसका एक साथी लाओस में रहकर कॉल सेंटर चलाता है और साइबर ठगी करता है, उसके पास चले जाओ तो आरोपी शिवा, प्राची ओर सेजल (शिवा की भाभी) लाओस चले गए। जहां इसे चार्ली व नोमान मिले जो साइबर ठगी करने के लिए कॉल सेंटर चला रहे थे। इन्होंने भी उनके (चीन व पाकिस्तान मूल के कॉल सेन्टर संचालक) साथ मिलकर फिर से इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करके लोगों के साथ साइबर ठगी करना शुरू कर दिया। उसके बाद ये 14 अगस्त 2025 को भारत आए तो गुड़गांव पुलिस द्वारा एकत्रित की गई सूचनाएं व तकनीकी सहायता से उपरोक्त आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अब आरोपियों के कब्जे से चार पासपोर्ट व चार मोबाइल बरामद किए हैं।

आपको बता दें कि एक व्यक्ति ने 14 मई को साइबर थाना वेस्ट पुलिस को शिकायत देकर बताया  था कि उसे एक व्यक्ति का फोन आया था जिसने बताया था कि उसका नंबर अवैध गतिविधियों में प्रयोग हो रहा है। आरोपी ने उसके खिलाफ केस दर्ज होने व अरेस्ट वारंट होने का डर दिखाया और कथित पुलिसकर्मियों से वीडियोकॉल कराकर डिजिटल अरेस्ट किए जाने की बात कही। आरोपियों ने उसे डराकर लाखों रुपए ट्रांसफर भी करा लिए। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उपरोक्त चार आरोपियों सहित कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।